क्या बृजभूषण पर तय होंगे आरोप? महिला पहलवान उत्पीड़न केस में आज फैसला सुनाएगा राउज एवेन्यू कोर्ट

दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 15 जून को बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें कहा गया है कि दोनों आरोपियों को 'बिना गिरफ्तारी' के मुकदमे के लिए आरोपपत्र सौंपा जाता है क्योंकि उन्होंने जांच में शामिल होकर CRPC की धारा 41ए के तहत निर्देशों का अनुपालन किया है.

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BJP सांसद बृज भूषण शरण सिंह. (फाइल फोटो) BJP सांसद बृज भूषण शरण सिंह. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज यानी शुक्रवार 04:30 बजे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) पर फैसला सुनाएगा. कोर्ट बृजभूषण के खिलाफ 6 भारतीय महिला पहलवानों द्वारा  दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न मामले में 'आरोप तय करने' पर आदेश सुनाएगा.

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मंगलवार को फैसला टालते हुए कहा कि आदेश अंतिम चरण में है लेकिन कुछ कार्य लंबित है, जिसके कारण 10 मई की तारीख तय की जा रही है.

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खारिज हुआ था बृजभूषण का आवेदन

26 अप्रैल को, इसी अदालत ने मामले की आगे की जांच की मांग करते हुए बृजभूषण द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि 7 सितंबर, 2022 को कथित यौन उत्पीड़न के वक्त वह देश में नहीं थे. उन्होंने दावा किया कि वह उक्त तारीख को दिल्ली में नहीं बल्कि सर्बिया में थे.

बृजभूषण सिंह ने नई दिल्ली में WFI कार्यालय में एक कथित घटना के संबंध में कोच विजेंदर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को भी रिकॉर्ड में रखा था. अतिरिक्त लोक अभियोजक (APP) अतुल श्रीवास्तव ने पहले कहा था कि अगर बचाव पक्ष के वकील ने किसी बात पर बहस नहीं की है, तो यह अभियोजन पक्ष की गलती नहीं है. एपीपी ने कहा कि सीडीआर के विश्लेषण पर, यह पाया गया कि कोच का स्थान उसी इलाके में था, जहां WFI कार्यालय स्थित है.

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बृजभूषण की तरफ से वकील राजीव मोहन पेश हुए. उन्होंने तर्क दिया कि पीड़िता अगस्त 2022 में बुल्गारिया गई थी. इसके बाद वह सितंबर 2022 में WFI में गई.

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट

दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 15 जून को बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इसमें कहा गया है कि दोनों आरोपियों को 'बिना गिरफ्तारी' के मुकदमे के लिए आरोपपत्र सौंपा जाता है क्योंकि उन्होंने जांच में शामिल होकर CRPC की धारा 41ए के तहत निर्देशों का अनुपालन किया है.

आरोप पत्र भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354, 354 (ए), 354 (डी) के तहत दायर किया गया था. आरोपी विनोद तोमर ने कथित तौर पर अपराध में सहायता/सुविधा प्रदान की. इसलिए उनको आईपीसी की धारा 354, 354 (ए), 109 और 506 के तहत मुकदमे के लिए भेजा जा रहा है. 1599 पन्नों की चार्जशीट में सीआरपीसी 164 के तहत 44 गवाहों के बयान दर्ज हैं.

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में घटनाक्रम के दौरान खींची गई तस्वीर सहित कई तस्वीरें भी सौंपी हैं. दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र में कहा गया है कि 6 टॉप पहलवानों की शिकायतों की 'अब तक की जांच' के आधार पर, बृजभूषण सिंह पर 'यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है.'

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गवाहों ने क्या बताया था?

आरोप पत्र में कहा गया है कि मामले के गवाहों ने बताया है कि उन्होंने तत्कालीन WFI अध्यक्ष के 'शारीरिक रूप से गलत हावभाव' को भी देखा था. यह मामला महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज किया गया था. पहलवानों की शिकायत के आधार पर बृजभूषण के खिलाफ दो FIR दर्ज की गईं.

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने पहलवानों द्वारा दर्ज की गई FIR में कहा था, "जांच पूरी होने के बाद, हम आरोपी बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC की धारा 354, 354 ए, 354 डी के तहत अपराध और धारा 109, 354, 354ए और आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ IPC की धारा 506 के तहत राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर रहे हैं." 
 

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