दिल्ली पुलिस ने पकड़ा नकली दवाओं का बड़ा गिरोह, मास्टरमाइंड समेत 6 गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली लाइफ सेविंग दवाओं का बड़ा रैकेट पकड़ा है. इस हाई-टेक गिरोह से जुड़े 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें मास्टरमाइंड राजेश मिश्रा भी शामिल है. गिरोह कई राज्यों में फैला था और Johnson & Johnson, GSK जैसी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बेच रहा था.

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नकली दवा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ (Haryana Police) नकली दवा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ (Haryana Police)

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी गैंग स्क्वॉड ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली लाइफ सेविंग दवाओं के अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें गैंग का सरगना राजेश मिश्रा भी शामिल है. पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह देश के कई राज्यों में फैला हुआ था. इसका संचालन मुरादाबाद, देवरिया, गोरखपुर, पानीपत, जींद, बद्दी और सोलन जैसे इलाकों से किया जा रहा था. गिरोह Johnson & Johnson, GSK, Alkem जैसी जानी-मानी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बना और बेच रहा था.

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मुखबिर से हेड कांस्टेबल जितेंद्र को इनपुट मिला कि नकली दवाओं की बड़ी खेप दिल्ली लाई जा रही है. इस इनपुट के आधार पर 30 जुलाई को सिविल लाइंस स्थित पेट्रोल पंप पर जाल बिछाया गया. जैसे ही यूपी नंबर की वैगनआर कार वहां पहुंची, पुलिस ने उसे रोक लिया. कार में बैठे मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम, दोनों मुरादाबाद के रहने वाले हैं. उनके पास से भारी मात्रा में नकली Ultracet और Augmentin की टैबलेट्स बरामद हुईं. मौके पर पहुंचे Johnson & Johnson और GSK के प्रतिनिधियों ने पैकिंग और स्टैंपिंग को नकली बताया, जिसकी पुष्टि लैब टेस्ट में भी हुई.

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यह रैकेट बेहद संगठित और हाई-टेक तरीके से काम कर रहा था. Facebook जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर संपर्क की शुरुआत होती थी. दवाओं की पैकेजिंग बॉक्स अलग-अलग जगहों से खरीदे जाते थे. बड्डी (हिमाचल प्रदेश) से फॉयल और ब्लिस्टर पैकिंग का सामान आता था. नकली दवाएं जींद (हरियाणा) और बड्डी की फैक्ट्रियों में बनाई जाती थीं. सप्लाई रेल और रोड से होती थी. पैसों का लेन-देन फर्जी बैंक खातों और हवाला चैनलों के जरिए होता था.

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गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिका

  • मोहम्मद आलम (35), मुरादाबाद: NCR में दवाओं की सप्लाई का जिम्मेदार.
  • मोहम्मद सलीम (42), मुरादाबाद: सप्लाई और ट्रांसपोर्ट में मदद करता था.
  • मोहम्मद जुबैर (29), मुरादाबाद: फेक दवाओं का सप्लायर, चैट और पैमेंट से कनेक्शन साबित.
  • प्रेम शंकर प्रजापति (25), देवरिया: मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से डिस्ट्रीब्यूशन तक का काम.
  • राजेश मिश्रा (52), गोरखपुर: गिरोह का मास्टरमाइंड और संचालनकर्ता.
  • परमानंद (50), जींद: ‘लक्ष्मी मां फार्मा’ नाम से नकली Ultracet बनाता था.

बरामद सामग्री

पुलिस ने भारी मात्रा में नकली दवाएं जब्त की हैं, जिनमें Ultracet (9015 टैबलेट), Augmentin 625 (6100 टैबलेट), Pan-40 (1200 टैबलेट), Betnovate-N (1166 ट्यूब), Amoxycillin (25650 टैबलेट), PCM (5900 टैबलेट), Kanacort Injection (74 बॉक्स), Proyco SPAS (12000 टैबलेट) शामिल हैं.

इनके अलावा, फैक्ट्रियों से 150 किलो लूज टैबलेट्स, 20 किलो लूज कैप्सूल, 10 रोल फॉयल और Zerodol SP, Pantop DSR जैसी हजारों टैबलेट्स के पैक बरामद किए गए हैं.

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पैकिंग बॉक्स जब्त

Zerodol SP (900 बॉक्स), Pantop DSR (300 बॉक्स), Clavam 625 (10 बॉक्स), Veef-O LB (200 बॉक्स), Vemox-625 LB (1000 बॉक्स) समेत कई ब्रांडेड दवाओं के खाली डिब्बे भी बरामद हुए हैं.

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स्वास्थ्य पर खतरा

अगर ये नकली दवाएं किसी मरीज द्वारा ली जातीं, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य संकट या जान का खतरा हो सकता था. यह देश की हेल्थ सिस्टम और फार्मा कंपनियों की साख के लिए बड़ा खतरा बन सकता था. पुलिस अब इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों, पैसे के लेन-देन और सप्लायर्स तक पहुंचने के प्रयास में लगी है.

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