संसद घेराव: किसानों के प्रदर्शन की दिल्ली पुलिस ने नहीं दी अनुमति, कहा- अपनी मांग पर फिर से सोचें

बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस संसद के सामने प्रदर्शन की मंजूरी देने के पक्ष में नहीं है. इस बैठक में पुलिस की ओर से साफ कर दिया जाएगा कि किसानों को संसद भवन के सामने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी. हालांकि, किसानों को जंतर मंतर का विकल्प दिया जा सकता है. हालांकि, इसमें भी सीमित संख्या में ही किसान शामिल हो सकेंगे.

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कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान (फाइल फोटो- पीटीआई) कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान (फाइल फोटो- पीटीआई)

अरविंद ओझा / तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:54 PM IST
  • दिल्ली पुलिस ने किसानों से कहा- अपनी मांगों पर फिर से सोचें
  • जंतर मंतर पर और संसद के आस-पास प्रदर्शन की इजाजत नहीं

संसद (Parliament) का मॉनसून (Monsoon) सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. ऐसे में किसान संगठनों (Farmers Organisations) ने कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द करने की मांग को लेकर 22 जुलाई को संसद का घेराव करने का ऐलान किया है. हालांकि, दिल्ली पुलिस संसद भवन के बाहर प्रदर्शन की इजाजत देने के मूड में नहीं है. इसी मुद्दे पर रविवार को दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई. 

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सिंघु बॉर्डर के पास मंत्रम बैंक्विट हॉल में हुई बैठक में ज्वाइंट सीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारी मौजूद रहे. वहीं, किसानों की ओर से बैठक में 9 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहे. आज तक को मिली मीटिंग की इनसाइड डिटेल्स के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने मीटिंग में जंतर मंतर पर, संसद के आस पास प्रोटेस्ट करने की इजाजत नहीं दी. मॉनसून सत्र में किसान संगठन जंतर मंतर पर किसान संसद का आयोजन करना चाहते हैं. किसान नेताओं से दिल्ली पुलिस ने कहा कि वो फिर से अपनी मांग पर सोचें. दिल्ली पुलिस ने DDMA गाइडलाइंस का हवाला दिया और कहा कि अभी पॉलिटिकल गैदरिंग की इजाजत नहीं है. इसलिए 200 लोगों के प्रोटेस्ट की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

किसान नेताओं ने हवाला दिया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा. दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी हिंसा का हवाला देते हुए  किसान नेताओं को कहा कि आप शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं लेकिन असामाजिक तत्व प्रदर्शन में घुस कर बवाल कर सकते है, जैसा 26 जनवरी को हुआ था. दिल्ली पुलिस ने ट्रेक्टर मार्च की इजाजत दी थी, रूट भी तय था लेकिन फिर बाद में तमाम रूल तोड़ दिए गए और हिंसा हुई.

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24 जनवरी के बाद दूसरी बैठक

इससे पहले किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच 24 जनवरी को बैठक हुई थी. इस बैठक में पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर सीमित संख्या में किसानों को ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति दी थी. हालांकि, इस दौरान पूरी दिल्ली में हिंसा की घटनाएं सामने आईं थीं. कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी. 

7 मेट्रो स्टेशन अलर्ट पर
दिल्ली एनसीआर के 7 मेट्रो स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया. ताकि जरूरत पड़ने पर कभी भी बंद करवाया जा सके. दिल्ली मेट्रो पुलिस ने मेट्रो को पत्र लिखकर कहा है कि मॉनसून सत्र में किसानों ने संसद के घेराव का ऐलान किया है. इसके मद्देनजर जरूरत पड़ने पर इन मेट्रो स्टेशनों को बंद किया जा सके. पत्र में जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस और उधोग भवन को अलर्ट पर रखने की बात कही है. 

 

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