सोमनाथ भारती की पत्नी पर 5 हजार का जुर्माना, निर्मला सीतारमण मानहानि मामले की सुनवाई के लिए नहीं पहुंची थीं कोर्ट

निर्मला सीतारमण के खिलाफ मानहानि मामले में दिल्ली कोर्ट ने अनुपस्थित रहने पर सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका मित्रा पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है. इसके बाद कोर्ट ने लिपिका मित्रा को जवाब दाखिल करने और तर्क प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर देते हुए मामले को 2 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया.

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सोमनाथ भारती और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण. (photo: ITG) सोमनाथ भारती और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण. (photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका मित्रा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत की सुनवाई में अनुपस्थित रहने के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने कहा कि उन्हें सेंट्रल दिल्ली कोर्ट बार एसोसिएशन के पास जुर्माने की राशि जमा करनी होगी.

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने कहा, 'शिकायतकर्ता पक्ष की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं है और यहां तक कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के जरिए से भी शिकायतकर्ता पक्ष की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ.'

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'दोनों पक्षों की सुविधा से तय की गई थी तारीख'

न्यायाधीश ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान तारीख और समय दोनों पक्षों की सुविधा के अनुसार तय किया गया था. उन्होंने कहा, 'अनुपस्थिति के मद्देनजर शिकायतकर्ता (मित्र) पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जिसे सेंट्रल दिल्ली कोर्ट बार एसोसिएशन के पास जमा करना होगा.'

2 अगस्त तक सुनवाई स्थगित

कोर्ट ने लिपिका मित्रा को जवाब दाखिल करने और तर्क प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर देते हुए मामले को 2 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया.

क्या है मामला?

शिकायत में दावा किया गया है कि सीतारमण ने 17 मई, 2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपमानजनक, झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए, जिसका एकमात्र उद्देश्य भारती की प्रतिष्ठा को धूमिल करना और आम चुनावों में उनकी जीत की संभावनाओं को कमजोर करना था.

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शिकायत के अनुसार, ये बातें केवल शिकायतकर्ता और उसके पति को चोट पहुंचाने के इरादे से कही गई थीं, ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवार को राजनीतिक लाभ मिल सके और शिकायतकर्ता के पति को राजनीतिक नुकसान हो.

शिकायत में कहा गया कि आरोपी (सीतारमण) ने शिकायतकर्ता और उसके पति के बीच वैवाहिक कलह के बारे में बताया, लेकिन उनके पुनर्मिलन और खुशी-खुशी साथ रहने की जानकारी नहीं दी.

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