राजधानी दिल्ली को दहलाने वाले कार ब्लास्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. खुफिया एजेंसियों को आतंकी हमले का पक्का शक है, जिसमें फिदायीन अंदाज में i20 कार में विस्फोटक फिट करके धमाका किया गया. लाल किले के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर हुए 10 नवंबर की शाम 6:52 बजे हुए इस कार ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए. दिल्ली पुलिस ने इस कार ब्लास्ट केस में यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है, जो आतंकवाद और उसके लिए सजा से संबंधित है. इसके अलावा एफआईआर में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 भी जोड़ी गई है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि यह एक फिदायीन आतंकी हमला हो सकता है. यह कार हरियाणा के गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में रजिस्टर्ड थी. इसका नंबर HR 26 7624 था, जो मोहम्मद सलमान नाम के व्यक्ति के नाम पर दर्ज है, जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की. सलमान ने बताया कि उसपने कार तारिक नाम के शख्स को बेच दी थी, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है. एक और गौर करने वाली बात सामने आई है कि जिस कार में विस्फोट हुआ, उसका 15 सितंबर 2025 को फरीदाबाद में गलत पार्किंग करने के लिए रात 12 बजे 1723 रुपये का चालान कटा था. तारिक को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
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i20 कार में आतंकी उमर के सवार होने का शक
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट के तार फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े हैं, जिसका भंडाफोड़ 9 नवंबर की रात को हुआ था. खुफिया एजेंसियों को शक है कि i20 कार में आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद सवार था. आजतक ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों के हवाले से पहले ही इसकी जानकारी दी थी कि फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का यह प्रमुख सदस्य उमर मोहम्मद फरार चल रहा है. पुलिस कार में सवार मृत व्यक्ति का डीएनए टेस्ट करवाएगी, जिसके बाद पुष्टि होगी कि वह डॉक्टर उमर ही था या नहीं. धमाके के वक्त कार में तीन संदिग्ध सवार थे, जिनकी पहचान करने की कोशिश जांच एजेंसियों कर रही हैं.
i20 कार की टाइमलाइन से चौंकाने वाले खुलासे
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विस्फोट वाली जगह के आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो i20 कार को लेकर चौकाने वाले तथ्य सामने आए. यह कार 10 नवंबर की दोपहर 3:19 बजे लाल किले के पास स्थित मुगलकालीन सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में दाखिल हुई थी और यहां करीब 3 घंटे तक खड़ी रही. शाम 6:48 बजे कार यहां बाहर निकली और महज 4 मिनट बाद, 6:52 बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग के ट्रैफिक सिग्नल पर इसमें विस्फोट हो गया. जांच एजेंसियों को मस्जिद की पार्किंग में कार का इतने लंबे समय तक रुकना संदिग्ध लग रहा है. उन्हें इस बात का शक है कि हो सकता है मस्जिद की पार्किंग में ही कार के अंदर विस्फोटक प्लांट किया गया हो. ब्लास्ट से ठीक पहले की तस्वीर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जारी की है, जिसमें कार सुनहरी मस्जिद के पास सड़क पर जाती हुई साफ दिख रही है.
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लाल किले के पास सुभाष मार्ग के ट्रैफिक सिग्नल पर जिस i20 कार में विस्फोट हुआ वह फरीदाबाद के 'रॉयल कार जोन' नाम के कार डीलर से खरीदी गई थी. रॉयल कार जोन फरीदाबाद से सेक्टर-37 में स्थित है और यूज्ड कार में डील करता है. आजतक ने इस कार जोन के संचालकों से बात करने की कोशिश की, लेकिन इनके मोबाइल नंबर बंद जा रहे हैं.कार में हुए धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि आसपास की 6 गाड़ियां और 3 ऑटोरिक्शा जल गए, स्ट्रीट लाइटें फूट गईं. लाल किला मेट्रो स्टेशन और आसपास की दुकानों में लगे कांच चकनाचूर हो गए. एनआईए, एनएसजी और फॉरेंसिक टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और सैंपल एकत्र किए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली कार ब्लास्ट की सभी एंगल से जांच चल रही है. अगर यह आतंकी घटना हुई तो इसकी पूरी परतें उजागर होंगी.
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में तीन डॉक्टर भी शामिल
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क है, जिसका भंडाफोड़ हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किया. इस टेरर मॉड्यूल में शामिल संदिग्ध जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGuH) जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े थे और उनके इशारे पर काम कर रहे थे. मॉड्यूल का मास्टरमाइंड पाकिस्तान से निर्देशित था, जिसमें कश्मीर के हैंडलर्स शामिल थे. इस टेरर मॉड्यूल में दो पुरुष और एक महिला डॉक्टर भी शामिल थी. फरीदाबाद के डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनाई (अल-फलाह यूनिवर्सिटी), पुलवामा के डॉ. आदिल अहमद राथर के अलावा लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद जिनकी कार से AK-47 बरामद हुई.
इनके अलावा आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद (सभी श्रीनगर), मौलवी इरफान अहमद (शोपियां), और जमीर अहमद अहांगर (गंदरबल) को भी पकड़ा गया है. 11 नवंबर 2025 को दिल्ली ब्लास्ट के ठीक पहले, 10 नवंबर को फरीदाबाद में पकड़े गए डॉक्टर मुअजमिल के धौज गांव के किराए के घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, IED बनाने में इस्तेमाल होने वाली 2900 किलो सामग्री, एके-56 राइफल, AK Krinkov असॉल्ट राइफल, बरेटा पिस्टल, चीनी स्टार पिस्टल, सैकड़ों कारतूस, डेटोनेटर, वायर, टाइमर और रिमोट कंट्रोल जब्त किए गए. यह टेरर मॉड्यूल दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में बड़े हमलों की योजना बना रहा था. पुलिस का कहना है कि ये आरोपी व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का हिस्सा थे. यानी पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स जो आतंकवाद को तकनीकी और आर्थिक मदद दे रहे थे.
अरविंद ओझा / श्रेया चटर्जी