दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से जुड़ी तकनीकी समस्या पूरी तरह ठीक हो गई है. एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक AMSS सिस्टम अब सुचारू रूप से काम कर रहा है और फ्लाइट ऑपरेशंस पूरी तरह सामान्य हो चुके हैं. गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह प्रभावित होने वाली उड़ानें अब अपने शेड्यूल के अनुरूप संचालित हो रही हैं.
दरअसल, शुक्रवार को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम में आई बड़ी तकनीकी खराबी के कारण 800 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई और सैकड़ों यात्री घंटों तक टर्मिनल पर फंसे रहे. AMSS (Automatic Message Switching System) में आई इस समस्या ने उड़ानों के फ्लाइट प्लान मैसेज प्रोसेसिंग को प्रभावित कर दिया था.
अब दिल्ली एयरपोर्ट ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल की फ्लाइट प्लानिंग प्रक्रिया को सपोर्ट करने वाला Automatic Message Switching System (AMSS) अब पूरी तरह ठीक है. एयरपोर्ट ने कहा कि सभी एयरलाइन ऑपरेशंस वापस सामान्य हो चुके हैं और यात्रियों को अब किसी अतिरिक्त देरी की आशंका नहीं है.
एयरपोर्ट की एडवाइजरी में कहा गया, AMSS को प्रभावित करने वाली तकनीकी समस्या में सुधार हो गया है. दिल्ली एयरपोर्ट पर उड़ान संचालन अब सामान्य है. सभी संबंधित एजेंसियां मिलकर सुनिश्चित कर रही हैं कि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो.
'सिस्टम पूरी तरह कार्यरत, बैकलॉग क्लीयर'
एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बताया कि AMSS में 6 नवंबर को आई तकनीकी खराबी की पहचान कर उसे ठीक कर दिया गया है. OEM के विशेषज्ञों, ECIL टीम और AAI कर्मचारियों ने मिलकर सिस्टम को पुनर्स्थापित किया, जिसके बाद अब ऑटोमेटेड ऑपरेशन पूरी तरह बहाल हो चुके हैं. AAI ने कहा कि बैकलॉग भी क्लीयर कर दिया गया और अब सभी उड़ानें सामान्य रूप से संभाली जा रही हैं.
दिल्ली एयरपोर्ट पर गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक 800 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हुई थीं. तकनीकी गड़बड़ी के कारण AMSS बंद होने से उड़ानों के फ्लाइट प्लान मैसेज प्रोसेस नहीं हो पाए. ATC को फ्लाइट प्लान मैन्युअली प्रोसेस करने पड़े और 800 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं.
IGI से रोजाना 1,500 से ज्यादा उड़ानें संचालित होती हैं. Flightradar24 के अनुसार, शुक्रवार सुबह 9 बजे तक विमानों की औसत देरी 45–50 मिनट रही.
AMSS सिस्टम के खराब होने से Auto Track System (ATS) को जाने वाले डेटा पर प्रभाव पड़ा. यह वही सिस्टम है जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए फ्लाइट प्लान तैयार करता है. साथ ही Automatic Terminal Information System (ATIS), जो देशभर से मौसम संबंधी डेटा इकट्ठा करता है, उसकी फीड भी बाधित हुई.
एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन शरथ पनिकर ने बताया, सिस्टम फेल होने पर फ्लाइट प्लान को सॉफ्टवेयर की बजाय मैन्युअली एंटर करना पड़ता है. यह प्रक्रिया बहुत समय लेती है और देरी स्वाभाविक है. ATIS डेटा भी मैन्युअल रूप से फीड करना पड़ रहा है. वेदर अपडेट लेट होने से डिस्पैच में और देरी होती है. उन्होंने कहा कि उड़ान हवा में जाने के बाद ज्यादा दिक्कत नहीं होती, लेकिन उड़ान को टेकऑफ़ तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
लंबी कतारें, बार-बार रीशेड्यूलिंग
टर्मिनल 1, 2 और 3 पर यात्रियों की लंबी कतारें देखी गईं. कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि उन्हें घंटों तक बिना अपडेट, विमान में बैठे-बैठे इंतजार करना पड़ा और कई उड़ानें लगातार रीशेड्यूल की जाती रहीं.
मुंबई, लखनऊ, जयपुर तक देरी
ATC सिस्टम धीमा होने से दिल्ली एयरस्पेस में भीड़ बढ़ गई, जिसका असर उत्तर भारत के कई एयरपोर्ट्स पर नजर आया. मुंबई, लखनऊ, जयपुर, अमृतसर और चंडीगढ़ में भी उड़ानों में देरी दर्ज की गई. देर शाम सिस्टम दुरुस्त हुआ, लेकिन बैकलॉग साफ करने में समय लगेगा. AAI ने पुष्टि की कि AMSS देर शाम रिस्टोर कर दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि ऑटोमेटेड ऑपरेशन वापस शुरू हो गए हैं.
अमित भारद्वाज