अब दिवाली को मिलेगी ग्लोबल पहचान, UNESCO ने माना अमूर्त सांस्कृतिक विरासत, PM मोदी ने दी बधाई

दीपावली भारत का प्रमुख त्योहार है, जो प्रकाश के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. यह अंधकार पर प्रकाश की जीत और धर्म की विजय का प्रतीक है. घर-घर दीप जलाकर, रंगोली सजाकर और खुशियां मनाकर यह उत्सव पूरे देश में बड़े हर्ष उल्लास से मनाया जाता है. अब यह UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल हो चुका है.

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दीपावली को UNESCO ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की लिस्ट में शामिल किया है. (Photo- X/UNESCO) दीपावली को UNESCO ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की लिस्ट में शामिल किया है. (Photo- X/UNESCO)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

भारत के दीपावली त्योहार को UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है. इस ऐतिहासिक फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की और कहा कि दीपावली हमारे देश की संस्कृति और मूल्यों से गहराई से जुड़ा हुआ है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत और दुनियाभर में लोग इस खबर से उत्साहित हैं. हमारे लिए दीपावली हमारी सभ्यता की आत्मा है. यह प्रकाश और धर्म का प्रतीक है.

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UNESCO की इस सूची में दीपावली के शामिल होने से यह त्योहार विश्व स्तर पर और अधिक लोकप्रिय होगा." उन्होंने साथ ही कहा कि प्रभु श्री राम के आदर्श हमें सदैव मार्गदर्शन देते रहें.

UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में संरक्षण से दीपावली जैसे त्योहारों को विश्वभर में पहचान और संरक्षण मिलेगा. इससे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूती मिलेगी, साथ ही यह युवा पीढ़ी के बीच पारंपरिक उत्सवों की महत्ता समझने में मदद करेगा.

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इस नए इनस्क्रिप्शन के साथ, दीपावली विश्व सांस्कृतिक मोर्चे पर अपनी विशेष पहचान बनाएगा और विभिन्न देशों के लोग इस त्योहार के आनंद और संदेश को समझ सकेंगे.

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