म्यांमार में राहत पहुंचाने जा रहे भारतीय वायुसेना के विमान पर साइबर अटैक, पायलटों ने दिखाई सूझबूझ

GPS स्पूफिंग एक प्रकार का साइबर अटैक होता है, जिसमें नकली सैटेलाइट सिग्नल भेजकर असली सिग्नल को ओवरराइड कर दिया जाता है, जिससे नेविगेशन सिस्टम को गलत लोकेशन मिलती है. ऐसे GPS स्पूफिंग हमले भारत-पाकिस्तान सीमा के पास भी पहले देखे जा चुके हैं. नवंबर 2023 से अब तक अमृतसर और जम्मू क्षेत्रों में ऐसे 465 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

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म्यांमार में राहत पहुंचा रहे भारतीय वायुसेना के विमान (Photo: PTI) म्यांमार में राहत पहुंचा रहे भारतीय वायुसेना के विमान (Photo: PTI)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

दक्षिण-पूर्व एशियाई देश म्यांमार में आए भूकंप के बाद राहत मिशन 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत उड़ान भर रहे भारतीय वायुसेना के C-130J विमान पर GPS स्पूफिंग का साइबर हमला हुआ. रक्षा सूत्रों ने आजतक को इसकी जानकारी दी है.

सूत्रों ने बताया कि स्पूफिंग ने रियल-टाइम कोऑर्डिनेट्स बदल दिए, जिससे उड़ान के दौरान विमान का नेविगेशन सिस्टम मिसलीड हो गया. रक्षा सूत्रों ने बताया कि वायु सेना के पायलटों ने सुरक्षित नेविगेशन सुनिश्चित करने के लिए तुरंत आंतरिक नेविगेशन सिस्टम (आईएनएस) पर स्विच कर दिया.

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क्या होती है GPS स्पूफिंग?

GPS स्पूफिंग एक प्रकार का साइबर अटैक होता है, जिसमें नकली सैटेलाइट सिग्नल भेजकर असली सिग्नल को ओवरराइड कर दिया जाता है, जिससे नेविगेशन सिस्टम को गलत लोकेशन मिलती है. ऐसे GPS स्पूफिंग हमले भारत-पाकिस्तान सीमा के पास भी पहले देखे जा चुके हैं. नवंबर 2023 से अब तक अमृतसर और जम्मू क्षेत्रों में ऐसे 465 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

म्यांमार भूकंप में अब तक 3,649 लोगों की मौत

28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसमें अब तक 3,649 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. भूकंप के बाद सौ से अधिक आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए. इसके झटके थाईलैंड और पूर्वोत्तर भारत तक भी महसूस किए गए.

भारत ने शुरू किया 'ऑपरेशन ब्रह्मा'

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भारत ने 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत म्यांमार को मदद पहुंचाने के लिए राहत मिशन शुरू किया है. 29 मार्च को भारत ने C-130J विमान के जरिए राहत सामग्री की पहली खेप भेजी, जिसमें 15 टन जरूरी सामान था- जैसे टेंट, कंबल, आवश्यक दवाएं और भोजन- जिसे NDRF और स्वास्थ्य मंत्रालय ने उपलब्ध कराया.

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