Covishield vs Covaxin: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) ने देश में खतरे की घंटी बजा दी है. महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. मुंबई में दो नए मामले मिलने के बाद महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) से संक्रमित मरीजों की संख्या दस पहुंच गई है. जबकि देशभर में ओमिक्रॉन के अभी 23 मरीज हैं.
देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) का खौफ हवा में तैरने लगा है, लोगों के मन में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भय का माहौल है. कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर एक्सपर्ट्स लोगों को सतर्क और सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं.
डॉक्टर त्रेहन ने बताया कि इस वायरस का संक्रमण पुराने सभी वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैल सकता है. इस बीच जिन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है वो खुद खतरे में होने के साथ दूसरों को भी खतरे में डाल सकते हैं. वहीं, लोगों के मन में ये सवाल भी आ रहे हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के खिलाफ कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) इन दोनों में से कौन सी ज्यादा असरदार है.
ऐसे में ओमिक्रॉन से जुड़े सवालों को लेकर 'आज तक' ने यूनिवर्सल हॉस्पिटल के डॉ. शैलेश जैन, दिल्ली मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर मनोज कुमार और मसीना हॉस्पिटल की डॉक्टर तृप्ति गिलाडा से खास बातचीत की है. इस दौरान डॉ शैलेश जैन ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट नए 50 म्यूटेशन लेकर आया है. जिसमें 10 म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन में जहां रिसेप्टर हमारे लंग्स ( Receptor lungs) में जुड़ता है, वहां पर आता है. कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) दोनों ही वैक्सीनेशन में ओमिक्रॉन वैरिएंट का प्रभाव कम होगा. डॉ शैलेश जैन के मुताबिक, कोविशील्ड या कोवैक्सीन ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी जरूर होगी. हालांकि, ओमिक्रॉन वैरिएंट के अलर्ट के बीच उन्होंने बूस्टर डोज लगाए जाने पर जोर दिया.
Omicron Variant पर डॉक्टर्स ने कई सवालों पर की चर्चा
Symptoms of Omicron: ओमिक्रॉन के लक्षण क्या हैं?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अब तक मिले ओमिक्रॉन के मरीजों में किसी में भी गंभीर लक्षण नहीं है. डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में सांस लेने में दिक्कत, ऑक्सीजन की कमी या शरीर में गंभीर संक्रमण फैलने जैसी समस्या नहीं दिखाई दी है. ओमिक्रॉन के लक्षण अभी सामान्य दिखाई दे रहे हैं लेकिन ये सामान्य से कब घातक बन जाएंगे इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता. जीनोम सीक्वेंसिंग की कई रिपोर्ट के बाद ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
ओमिक्रॉन की देश में एंट्री के बाद सरकार अलर्ट है. ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज़ों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. कहा जा रहा है कि फरवरी तक ओमिक्रॉन अपने पीक पर होगा.
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