जहरीले कफ सिरप मामले में SIT का शिकंजा, छिंदवाड़ा में श्रीसन फार्मा कंपनी का MR हिरासत में

जहरीले 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' मामले में एसआईटी ने श्रीसन फार्मा कंपनी के एमआर सतीश वर्मा को छिंदवाड़ा से हिरासत में ले लिया है. अधिकारियों का मानना है कि इस जहरीले सिरप के वितरण और बिक्री के पूरे चक्र को समझने के लिए MR से पूछताछ बहुत महत्वपूर्ण है.

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SIT ने श्रीसन फार्मा कंपनी के एमआर को हिरासत में लिया. (Photo: Reuters) SIT ने श्रीसन फार्मा कंपनी के एमआर को हिरासत में लिया. (Photo: Reuters)

रवीश पाल सिंह

  • छिंदवाड़ा,
  • 27 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

छिंदवाड़ा में जहरीली 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' मामले में गठित विशेष जांच दल (SIT) ने आज श्रीसन फार्मा के MR सतीश वर्मा को अभिरक्षा (हिरासत) में ले लिया है. SIT टीम एमआर को पूछताछ के लिए परासिया ले जा रही है.

एमआर को अभिरक्षा में लेने की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि रविवार को लंबी पूछताछ के बाद श्रीसन फार्मा कंपनी में कई सालों से कार्यरत MR सतीश वर्मा को छिंदवाड़ा के कूकड़ा जगत से जितेंद्र सिंह जाट ने हिरासत में ले लिया. उन्हें पूछताछ के लिए परासिया ले जाया गया है. सतीश वर्मा की गिरफ्तारी से मामले में और गहराई तक जांच होने की संभावनाएं है.

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जरूरी है MR से पूछताछ

अधिकारियों का मानना है कि इस जहरीले सिरप के वितरण और बिक्री के पूरे चक्र को समझने के लिए MR से पूछताछ बहुत जरूरी है. प्रशासन का उद्देश्य है कि इस गंभीर लापरवाही के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाए.

चार मुख्य आरोपी गिरफ्तार

उधर, मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कार्रवाई करते हुए विभिन्न धाराओं में फार्मा कंपनी से जुड़े चार मुख्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जिनमें डॉक्टर प्रवीण सोनी, परासिया, श्रीसन फार्मा के मालिक श्रीनिवासन रंगनाथन, कंपनी की केमिस्ट के. महेश्वरी, फार्मासिस्ट सौरभ जैन शामिल हैं.

जहरीला सिरप पीने से 24 बच्चों की मौत

दरअसल, ये हृदय विदारक घटना 2 सितंबर से 30 सितंबर के बीच हुई. जब परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी ने इलाज के दौरान छिंदवाड़ा, पांढुरना और बैतूल जिलों के कई बच्चों को 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' दी थी. इस सिरप को पीने के बाद बच्चों में पेशाब रुकने की गंभीर समस्या पैदा हो गई. हालत बिगड़ने पर उन्हें नागपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान एक-एक करके 24 बच्चों की मौत हो गई.

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वहीं, मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और सिरप पर तत्काल पाबंदी लगा दी गई. तमिलनाडु सरकार द्वारा कराई गई टेस्टिंग में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' में डाई एथिलिन ग्लाइकॉल की स्वीकृत मात्रा 0.1 प्रतिशत की जगह अत्यधिक जहरीली मात्रा 48.6% मौजूद थी. इस खुलासे से पूरे देश में हड़कंप मच गया. राज्य के ड्रग कंट्रोलर को पद से हटा दिया गया.

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