कोरोनावायरस मामलों में तेजी से वृद्धि के बीच, कोलकाता के अस्पतालों में बेड की कमी का संकट आना शुरु हो गया है, अधिकतर अस्पतालों का कहना है कि उनकी महत्वपूर्ण यूनिट भरी हुई हैं. इनमें से कुछ सुविधाओं में सामान्य रोगियों की एंट्री को प्रतिबंधित करने की योजना बनाई जा रही हैं, जबकि कुछ का कहना है कि ना तो उनके पास पैसा और ना ही जगह है जिस वजह से वह महत्वपूर्ण देखभाल इकाइयों (critical care units) का विस्तार करने में सक्षम नहीं होंगे.
राज्य में संक्रामक रोग और बेलियाघाटा जनरल (आईडी एंड बीजी) अस्पताल में, उच्च-निर्भरता इकाइयों (high-dependency units) और जनरल वार्डों में सभी बेड भरे हुए हैं. स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है. अस्पताल की तरफ से कहा गया कि हमारा अस्पताल छोटा है, इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए कोई विकल्प नहीं है. प्रिंसिपल एनिमा हालदार ने कहा कि वह अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाने में असमर्थता हैं. 30 COVID-19 मरीज हर दिन आ रहे हैं.
स्थिति ऐसी है कि COVID-19 रोगियों के लिए प्रवेश भी कई निजी अस्पतालों में रुका हुआ है, जिनमें पीयरलेस अस्पताल, AMRI अस्पताल की तीनों इकाइयां, अपोलो अस्पताल, CMRI, फोर्टिस अस्पताल, बेले व्यू क्लिनिक, वुडलैंड्स मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल शामिल हैं. एएमआरआई अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि अस्पतालों की हमारी तीन इकाइयों में सभी 157 बेड भरे हुए हैं और हम किसी भी नए रोगी को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं हैं. हम मंगलवार तक 22 और बेड स्थापित करने की योजना बना रहे हैं.
पीरटीआई अस्पताल के प्रमुख डॉ सुदीप्त मित्रा ने कहा कि 250 से अधिक मरीज रोजाना सीओवीआईडी-19 टेस्ट कि लिए आते हैं, और पॉजीटिव परीक्षण करने वालों में से 40 प्रतिशत को भर्ती किया जा रहा है. बेले व्यू क्लिनिक के अधिकारियों, जहां फिलहाल COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए 114 बेड हैं, ने कहा कि वह 45 और बेड जोड़ने जा रहे हैं.
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