कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए पंजाब सरकार ने आम लोगों पर तो कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं लेकिन राज्य के कई हिस्सों में हजारों की भीड़ जमा कर रहे नेताओं पर जैसे उसका कोई जोर नहीं चल रहा. राज्य में बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए 8 जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाया जा रहा है.
राजनेता और किसान नेता आए दिन रैलियां और किसान पंचायतों के नाम पर हजारों की भीड़ एकत्र कर रहे हैं जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उनका मानना था कि वह न तो लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा सकते हैं और ना ही कारोबार बंद करवा सकते हैं. सिर्फ अपील कर सकते हैं. राज्य में आयोजित हो रही विभिन्न रैलियों के सवाल को भी मंत्री अनसुना कर गए. अलबत्ता उन्होंने राजनीतिज्ञों को ही सलाह दे डाली कि अभी चुनाव में एक साल बचा है इसलिए रैलियां स्थगित की जा सकती हैं.
8 जिलों में नाइट कर्फ्यू
पंजाब में मंगलवार को कोरोना वायरस के कुल एक्टिव मामलों की संख्या 11,942 तक पहुंच गई. राज्य में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की दर राष्ट्रीय औसत से लगभग दुगनी है. पंजाब में यह दर 3.1 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 1.4 की है.
उधर, राज्य में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के मामलों को देखते हुए सरकार ने पंजाब के आठ जिलों लुधियाना, पटियाला, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब ,जालंधर नवांशहर, कपूरथला और होशियारपुर में रात के 11 बजे से लेकर सुबह के 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है.
आम लोगों को किसी इनडोर इवेंट में 100 से ज्यादा इकट्ठे होने की इजाजत नहीं है और आउटडोर एक्टिविटी में 200 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते, लेकिन किसान संगठनों और राजनीतिक दलों की रैलियों में आए दिन हजारों की भीड़ जमा हो रही है.
राज्य सरकार ने प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं एक महीने के लिए स्थगित कर दी हैं लेकिन जो छात्र परीक्षा देने आ रहे हैं वह सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं कर रहे.
पटियाला के एक निजी विश्वविद्यालय में 38 छात्र कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं पंजाब में कोरोना वायरस के टीकाकरण की मुहिम को भी जबरदस्त धक्का लगा है.
स्वास्थ्यकर्मियों की भी टीकाकरण में दिलचस्पी नहीं
राज्य के खुद के ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कोरोना वायरस का टीका लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. राज्य के कुल 2.6 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीकाकरण के लिए पंजीकृत किया गया था जिसमें से सिर्फ 1.8 लाख लोगों ने ही टीका लगवाया. टीकाकरण के दूसरे चरण में सिर्फ 54,000 कर्मियों ने ही टीका लगवाया.
वहीं राज्य सरकार ने टीकाकरण से परहेज करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए अब हफ्ते में एक बार RT-PCR जांच जरूरी कर दी है. इस टेस्ट को नहीं करवाने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को अस्पताल में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होगी.
कोरोना से 61 सौ लोगों की मौत
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या इसलिए ज्यादा है क्योंकि लोग जांच करवाने से परहेज कर रहे हैं. राज्य में अब तक कोरोना संक्रमण से 6,100 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है और इनमें से 80 फीसदी लोग वरिष्ठ नागरिक थे. पंजाब में ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में संक्रमण ज्यादा तेजी से फैल रहा है.
अब तक पंजाब को 19.15 लाख को कोविशिल्ड और 1.37 लाख कोवैक्सीन के डोज मिले हैं. सरकार ने सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को हफ्ते के सातों दिन टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए हैं.
मनजीत सहगल