Corona Vaccination: वैक्सीन के लिए जल्द ही आसानी से करवा सकेंगे बुकिंग, Paytm-MakeMyTrip जैसी कंपनियां आईं आगे

देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान चल रहा है. कई लोग वैक्सीन लगवाने के लिए काफी मुश्किल से बुकिंग करवा पा रहे हैं. ऐसे में कई कंपनियां सामने आई हैं, जिन्होंने अपने प्लेटफॉर्म्स पर मदद देने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है.

Advertisement
कोरोना वैक्सीन की बुकिंग के लिए कई कंपनियां आईं सामने कोरोना वैक्सीन की बुकिंग के लिए कई कंपनियां आईं सामने

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2021,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST
  • देश में 24 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं
  • वैक्सीन स्लॉट ढूंढने में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं
  • टीका बुकिंग को आसान बनाने के लिए कई कंपनियां आगे आई हैं

कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सबसे अहम वैक्सीनेशन अभियान देश में तेज गति से जारी है. टीका लगवाने के लिए बड़ी संख्या में लोग हर समय बुकिंग करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बुकिंग प्लेटफॉर्म की कमी होने की वजह से कई लोगों को स्लॉट्स भी नहीं मिल पा रहे है. ऐसे में पेटीएम, मेकमायट्रिप समेत कई कंपनियां सामने आई है, जिन्होंने सरकार से अपने प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन ऑफर करने के लिए मंजूरी मांगी है. यह जानकारी वैक्सीन बुक करने वाले प्लेटफॉर्म को-विन के प्रमुख आरएस शर्मा ने दी. 

Advertisement

केंद्र सरकार ने पिछले महीने, थर्ड पार्टी ऐप्स का को-विन के साथ इन्टीग्रेशन के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थीं, जिससे इन तरह की ऐप्स के लिए वैक्सीन बुकिंग की पेशकश का रास्ता आसान हो गया था. शर्मा ने बताया, ''15 ऐसी कंपनियां हैं, जो वैक्सीनेशन बुकिंग के लिए मंजूरी प्राप्त करने की कोशिश कर रही हैं. इनमें पेटीएम, इन्फोसिस और मेकमायट्रिप आदि शामिल हैं.''

मेकमायट्रिप ग्रुप के सीईओ राजेश मैगोव से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि लाखों की संख्या में लोग हमारी ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ''हम लोगों को आसानी से अपने टीकाकरण स्लॉट बुक करने में मदद करने के लिए एपीआई इन्टीग्रेशन का फायदा देना चाहते हैं और पूरी प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए अपनी ओर से कोशिश कर रहे हैं.'' उन्होंने आगे कहा, ''वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को डाउनलोड करने के लिए इन्टीग्रेशन भी शुरू किया गया है, जो उपयोगी होगा क्योंकि इससे सभी डॉक्युमेंट्स की जरूरतों को एक ही जगह पर रखा जा सकता है.'' वहीं, पूरे मामले पर पेटीएम ने कॉमेंट करने से इनकार कर दिया, जबकि इन्फोसिस ने सवालों का जवाब नहीं दिया.

Advertisement

बता दें कि देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है. अभी तक देश में 24 करोड़ से अधिक कोरोना की डोज दी जा चुकी हैं और रोजाना बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं. पिछले महीनों में, फेसबुक और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों से लेकर हेल्दीफायमी जैसे स्टार्टअप्स ने लोगों को टीकाकरण स्लॉट खोजने में मदद करने के लिए कई टूल्स लॉन्च किए हैं. वहीं, अंडर45 और गेटजैब जैसे प्लेटफॉर्म काफी लोकप्रिय भी हो गए, क्योंकि जैसे ही वैक्सीन स्लॉट्स ओपन होते हैं, तुरंत ही ये प्लेटफॉर्म्स यूजर्स को अलर्ट कर देते हैं, जिससे वे को-विन पर अपना स्लॉट बुक कर सकते हैं.

सरकार चरणबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन अभियान चला रही है. जनवरी के मध्य में शुरू हुए टीकाकरण अभियान की शुरुआत हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाकर हुई थी. इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स का नंबर आया और फिर 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का टीकाकरण हुआ. 45 वर्ष की उम्र वालों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद अब 18-44 साल के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement