छत्तीसगढ़: नक्सली संगठनों को बड़ा झटका, सुकमा-बीजापुर समेत 4 जिलों में 66 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ में गुरुवार को चार जिलों में 66 नक्सलियों मे पुलिस और सुरक्षाबलों के समक्ष सरेंडर कर दिया. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये नक्सली रैंकों में बढ़ती निराशा और नक्सली विचारधारा से मोहभंग का साफ संकेत है.

Advertisement
छत्तीसगढ़ के चार जिलों 66 नक्सलियों ने किया सरेंडर. (Photo: ITG) छत्तीसगढ़ के चार जिलों 66 नक्सलियों ने किया सरेंडर. (Photo: ITG)

सुमी राजाप्पन

  • रायपुर,
  • 24 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:33 PM IST

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है. गुरुवार को नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर और कांकेर जिलों में 66 नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षाबलों के समझ सरेंडर कर दिया, वरिष्ठ कमांडर और कई महिला कैडर शामिल हैं. इन नक्सलियों पर कुल मिलाकर 2.27 करोड़ रुपये से ज्यादा इनाम घोषित किया  था.

बताया जा रहा है कि नक्सलियों इतनी बड़ी संख्या में सरेंडर को छत्तीसगढ़ सरकार की पुना मार्गम (नया रास्ता) पुनर्वास पहल और नियद नेल्लनार योजना की बड़ी जीत माना जा रहा है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये नक्सली रैंकों में बढ़ती निराशा और नक्सली विचारधारा से मोहभंग का साफ संकेत है.

Advertisement

कहां कितने नक्सलियों ने किया सरेंडर

  • बीजापुर: 25 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिन पर 1.15 करोड़ रुपये का इनाम था. इनमें कई ऐसे नक्सली शामिल थे जो पीपुल्स लिबरेशन गेरिल्ला आर्मी (PLGA) और अन्य नक्सली यूनिटों में एक्टिव थे.
  • कांकेर: 13 नक्सलियों, जिनमें 5 महिलाएं शामिल थीं, ने हथियार डाले। इन पर 62 लाख रुपये का इनाम था.
  • दंतेवाड़ा: 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से 5 पर 17 लाख रुपये का इनाम था. ये नक्सली 'लोन वर्राटु' (अपने गांव लौटो) अभियान से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटे.
  • नारायणपुर: 8 नक्सलियों, जिनमें प्लाटून 16 का कमांडर और एक 'डॉक्टर' शामिल था, ने आत्मसमर्पण किया. इन पर 33 लाख रुपये का इनाम था.
  • सुकमा: 5 नक्सलियों ने 'पुना मार्गम' योजना से प्रेरित होकर आत्मसमर्पण किया.

छत्तीसगढ़ सरकार की 'पुना मार्गम' और 'नियद नेल्लनार' योजनाओं ने नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन योजनाओं के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तत्काल 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता, कपड़े और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.

Advertisement

साथ ही 2025 की नक्सल आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत उन्हें प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर दिए जाते हैं.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरेंडर से नक्सलियों के मनोबल को बड़ा झटका लगा है और उन्होंने इसके लिए सरकार की पुनर्वास नीतियों और मानसून के दौरान भी जारी सुरक्षा अभियानों को श्रेय दिया.

आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है. अपने लक्ष्य के तहत केंद्र और राज्य सरकार नक्सलियों के सरेंडर कर मुख्य धारा में लौटने के लिए कई प्रोत्साहित पहल शुरू की हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement