कनाडा में मंदिर पर लिखे गए भारत विरोधी नारे, भारतीय मूल के सांसद ने पार्लियामेंट में उठाया मुद्दा

कनाडा में राम मंदिर पर भारत विरोधी नारे लिखे जाने को लेकर कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने देश की संसद में कहा कि यह दर्द और पीड़ा की बात है कि मिसिसॉगा में  एक हिंदू मंदिर नफरत का नया टारगेट बन गया है.

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मंदिर की दीवारों पर स्प्रे से भारत विरोधी नारे लिखे गए मंदिर की दीवारों पर स्प्रे से भारत विरोधी नारे लिखे गए

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:12 AM IST

बीते गुरुवार को कनाडा के मिसिसॉगा स्थित राम मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखने का मामला सामने आया है, जिससे भारतीय समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. इसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं. इसको लेकर कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने देश की संसद में कहा कि यह दर्द और पीड़ा की बात है कि मिसिसॉगा में  एक हिंदू मंदिर नफरत का नया टारगेट बन गया है. कनाडा में अधिकारियों को हिंदू विरोधी और भारत विरोधी समूहों की गतिविधियों को गंभीरता से देखने और अब कार्रवाई करने की आवश्यकता है.

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पहले निशाने पर आया था गौरी शंकर मंदिर 

इससे पहले इसी पिछले महीने ही ब्रैम्पटन के गौरी शंकर मंदिर पर हिंदू विरोधी नारे लिखे गए थे. साथ ही मंदिर में तोड़फोड़ का मामला भी सामने आया था. जिस पर टोरंटो में भारत के कॉन्सुलेट जनरल ने गौरी शंकर मंदिर में तोड़फोड़ की इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि मंदिर को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. हमने कनाडा प्रशासन के समक्ष इस मामले को लेकर अपनी चिंता जताई है. भारतीय धरोहर का प्रतीक रहे इस मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी घृणास्पद बातें लिखी गई हैं. कनाडा प्रशासन फिलहाल इस घटना की जांच कर रही है.

कनाडा में बढ़े इस तरह के मामले 

वहीं इससे पहले भी पिछले साल जुलाई में ब्रैम्पटन में इस तरह की तीन घटनाएं हो चुकी हैं. बीते सितंबर को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में बयान जारी कर कहा था कि भारतीयों के खिलाफ घृणा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़े मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई है. भारत सरकार ने इन घटनाओं की उचित जांच का आग्रह किया था. कनाडा सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2019 और 2021 के बीच कनाडा में धर्म, सेक्सुअल ओरिएंटेशन और नस्ल से जुड़े हेट क्राइम के 72 फीसदी मामले बढ़े हैं. इससे अल्पसंख्यक समुदायों विशेष रूप से भारतीय समुदाय में खौफ बढ़ा है.

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