केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को सूचित किया है कि तीन कफ सिरप- कोल्ड्रिफ (Coldrif), रेस्पिफ्रेशटीआर (RespifreshTR) और रिलाइफ (ReLife)- को मेडिकल स्टोर्स से वापस मंगा लिया गया है और निर्माताओं को इनका उत्पादन रोकने का आदेश दिया गया है. इससे पहले CDSCO ने बुधवार को WHO को बताया था कि इनमें से किसी भी कफ सिरप का भारत से दूसरे देशों में निर्यात नहीं किया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारतीय अधिकारियों से पूछा था कि क्या बच्चों की मौत से जुड़े कफ सिरप अन्य देशों में निर्यात किए गए थे. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से हुईं बच्चों की मौतों की हालिया मीडिया रिपोर्टों पर नजर रख रहा है. इन मामलों में एक्यूट रीनल फेल्यर (Acute Renal Failure) और एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) जैसे लक्षण दिखे हैं, जिनका संबंध ओरल सिरप के उपयोग से है.
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सूत्रों ने कहा कि WHO को इन कफ सिरप में डीईजी (Diethylene Glycol) प्रदूषण के स्रोत या इन्हें बनाने में खराब दवा सामग्री के प्रयोग के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. डब्ल्यूएचओ ने इन घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है और इन कफ सिरप के अन्य देशों में निर्यात होने के संभावित जोखिम पर जोर दिया है, साथ ही भारत में घरेलू बाजार के लिए दवाओं में डीईजी/ईजी स्क्रीनिंग में लापरवाही को रेखांकित किया है.
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स से आग्रह किया कि मध्य प्रदेश में कथित तौर पर दूषित कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मद्देनजर कच्चे माल और तैयार दवाओं का बाजार में रिलीज से पहले परीक्षण सुनिश्चित करें. DCGI की एक एडवाइजरी में कहा गया कि हाल की जांच में कई दवाओं को मानक गुणवत्ता वाला नहीं पाया गया. परीक्षण में पाया गया कि इन दवाओं का प्रोडक्शन करने वाली कंपनियां रॉ मैटेरियल का निर्धारित मानकों के अनुपालन के लिए परीक्षण नहीं कर रही हैं.
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