Bullet Train: कब शुरू होगी बुलेट ट्रेन? रेलवे ने तस्वीरें दिखा बता दिया- कहां तक पहुंचा प्रोजेक्ट का काम

Bullet Train Progress Report: बुलेट ट्रेन का इंतजार देश में बेसब्री से हो रहा है. रेल मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक, गुजरात में 98.8 फीसदी, दादर और नागर हवेली में 100 फीसदी और महाराष्ट्र में 75.25 फीसदी भूमि अधिग्रहित हो चुकी है. वहीं, वर्क प्रोग्रेस की बात करें तो 162 किलोमीटर पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है

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Bullet Train Progress Work Report Bullet Train Progress Work Report

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

When Bullet Train will Start: देशभर में लोग बुलेट ट्रेन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बुलेट ट्रेन का कितना काम पूरा हुआ है और कितना बाकी है, इसको लेकर रेल मंत्रालय ने ट्वीट करके प्रोग्रेस रिपोर्ट शेयर की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस राज्य में कितनी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है.

रेल मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक, गुजरात में 98.8 फीसदी, दादर और नागर हवेली में 100 फीसदी और महाराष्ट्र में 75.25 फीसदी भूमि अधिग्रहित हो चुकी है. वहीं, वर्क प्रोग्रेस की बात करें तो 162 किलोमीटर पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है, जबकि 79.2 किलोमीटर तक का पियर वर्क भी कम्प्लीट हो चुका है. इसके अलावा, साबरमती में पैसेंजर टर्मिनल हब का काम लगभग पूरा होने को है.

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बता दें कि पहले चरण में बुलेट ट्रेन का रूट 508.17 किलोमीटर लंबा है, जोकि महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे और पालघर से होकर गुजरेगा. गुजरात में वलसाड, नवसारी, सूरत, भारूच, वडोडरा, आणंद, खेड़ा और अहमदाबाद से होकर गुजरेगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च महीने में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था, ''मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल में विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य में भूमि अधिग्रहण में देरी और कोविड-19 के प्रभाव के चलते देरी हुई है.''

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन स्पीड
अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. यह दोनों शहरों के बीच लगने वाले समय को छह घंटे तक कम कर देगी.

इस प्रोजेक्ट में कितनी आ रही लागत?
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना की कुल लागत ₹1.08 लाख करोड़ है और शेयर पैटर्न के अनुसार, केंद्र सरकार को NHSRCL को ₹10,000 करोड़ का भुगतान करना है, जबकि इसमें शामिल दो राज्यों - गुजरात और महाराष्ट्र - को प्रत्येक को ₹5,000 करोड़ का भुगतान करना होगा. बाकी राशि का भुगतान जापान द्वारा 0.1 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के माध्यम से किया जाना है.

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