लखनऊ की 28 साल की सोमिता सिंह पेशे से नोएडा की एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर थीं. लेकिन उनका असली जुनून बाइकिंग था, और यही दीवानगी ही उनका आखिरी सफर बन गया. गुरुग्राम के बादशाहपुर क्षेत्र में बीएमडब्ल्यू बाइक चला रही सोमिता की एक कार से टक्कर हुई, जिससे घटनास्थल पर ही उनकी हालत गंभीर हो गई साथी राइडर्स ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
महिला बाइकर्स ग्रुप से जुड़ी थीं सोमिता
जानकारी के मुताबिक, कुछ ही हफ्ते पहले सोमिता ने एक महिला बाइकिंग ग्रुप जॉइन किया था. वह स्पोर्ट्स बाइकिंग की प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी ले रही थीं. बीएमडब्ल्यू जैसी हेवी बाइक को किराए पर लेकर उन्होंने ग्रुप के साथ गुरुग्राम की ‘लेपर्ड ट्रेल’ राइड प्लान की थी. सभी राइडर्स नोएडा सेक्टर 135 से निकले थे और दोपहर में वापसी के दौरान हादसा हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक तेज रफ्तार कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिससे वह असंतुलित होकर दूर जा गिरीं.
परिवार को नहीं थी राइड की जानकारी
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सोमिता ने इस राइडिंग ट्रिप की जानकारी अपने परिवार से साझा नहीं की थी. उनके माता-पिता को न तो बाइकिंग ग्रुप के बारे में जानकारी थी और न ही इस बीएमडब्ल्यू राइड की खबर.
उनके पिता ने हादसे के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर अज्ञात कार चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. गुरुग्राम पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है और जल्द गिरफ्तारी होगी.
हादसा कैसे हुआ
गुरुग्राम पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, हादसा उस वक्त हुआ जब सड़क की दूसरी ओर से आ रही एक हुंडई वरना कार से सोमिता की बाइक टकरा गई. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हेलमेट और सेफ्टी गियर पहनने के बावजूद उन्हें कई गंभीर चोटें आईं. वह बाइक से उछलकर दूर जा गिरीं. साथ की महिला राइडर्स ने आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
पुलिस जांच में कई चीजों का चला पता
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार के अनुसार, टक्कर के बाद बाइक का बैलेंस बिगड़ा और यही हादसे की वजह बनी. हमने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है. परिवार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने न सिर्फ अज्ञात कार चालक के खिलाफ FIR दर्ज की है, बल्कि एक और बड़ा कदम उठाते हुए बाइक राइडिंग ग्रुप के आयोजक के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया है.
करियर में सफल, लेकिन दिल था रफ्तार से जुड़ा
सोमिता के करीबी दोस्तों के मुताबिक, वह पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही हैं और अपने दम पर नोएडा में नौकरी कर रही थीं. लेकिन उनका दिल बाइकिंग की तरफ ज्यादा खिंचता था. वह महिलाओं के लिए मोटरस्पोर्ट्स में कुछ अलग करना चाहती थीं.
नर्सिंग होम पर इलाज न देने का आरोप
Let's Ryde Motorcycle Training Academy के संचालक और को-फाउंडर कुलदीप ने इस मामले में बादशाहपुर इलाके के दो निजी अस्पतालों पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हम राइड के समय एक गाड़ी भी साथ रखते हैं. नौ बजे हादसा हुआ और हम उसी गाड़ी में सोमिता को सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर बादशाहपुर के एक अस्पताल लेकर पहुंच गए थे. वहां न तो सोमिता को एडमिट किया और न ही फस्टऐड दिया. जिसके बाद हम उसी अस्पताल की एंबुलेस से दूसरे अस्पताल पहुंचे. वहां भी सोमिता को एडमिट करने से मना कर दिया. जिसके बाद हम गंभीर रूप से घायल सोमिता को गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
नीरज वशिष्ठ