पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के एडवाइजर मलविंदर सिंह माली द्वारा दिए गए बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. जिसके बाद अब बीजेपी की ओर से प्रेस कांफ्रेंस कर नवजोत सिंह सिद्धू समेत राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधा है. दरअसल हाल ही में पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने दावा करते हुए कहा कि कश्मीर एक अलग देश था, भारत और पाकिस्तान ने उसपर अवैध कब्जा किया था. कश्मीर, कश्मीर के लोगों का है. माली ने यह बातें ट्वीट की थीं.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सिद्धू के एडवाइजरों द्वारा दिए गये बयानों से यह साफ़ हो गया कि कांग्रेस एंटी इंडिया सोच रखती है. उन्होंने कहा कि सिद्धू के एक दूसरे एडवाइजर प्यारे लाल गर्ग का कहना है कि पंजाब में अगर इलेक्शन जीतना है तो किसी को भी पाकिस्तान के विरोध में नहीं बोलना चाहिए. संबित पात्रा ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि ऐसे लोग खाते हिंदुस्तान का हैं लेकिन गाते पाकिस्तान का हैं.
संबित ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि जैसा नेता वैसा एडवाइजर. उन्होंने कहा कि यह बयान सिद्धू ने ही दिलवाया है. सिद्धू वही नेता हैं जो बार-बार भारत के मना करने के बाद भी पाकिस्तान गए और वहां आर्मी चीफ कमर बाजवा को गले लगाया था. पीएम इमरान भी सिद्धू को याद करते रहते हैं.
उन्होंने पूछा कि नवजोत सिंह सिद्धू के एडवाइजर राहुल गांधी के निर्देश पर नियुक्त किये गए थे? उन्होंने कहा कि बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा जी भी यही जानना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपना मत सभी के सामने रखना होगा कि क्या वो इसमें सहमति जाता रहे हैं या फिर वो इन बयानों के खिलाफ खड़े हैं. राहुल का क्या मानना है कि कश्मीर भारत का हिस्सा है या नहीं.
बता दें कि जेपी नड्डा ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैं कांग्रेस के शीर्ष राष्ट्रीय नेतृत्व से स्पष्ट रूप से यह बताने का आग्रह करूंगा कि क्या वे पंजाब में कांग्रेस नेताओं द्वारा कश्मीर और पाकिस्तान पर की गई टिप्पणियों का समर्थन करते हैं? मामले पर चुप्पी को ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों के निहित समर्थन के रूप में देखा जाएगा.
ऐसे में संबित पात्रा ने भी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के ट्वीट को पढ़ते हुए कहा कि अगर सिद्धू के एडवाइजरों द्वारा दिए गए बयानों पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है तो इसे उनकी बयानों पर सहमति के तौर पर लिया जाएगा.
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