BJP के सबसे पुराने कार्यकर्ता भुलई भाई का निधन, 111 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ता भुलई भाई का निधन हो गया है. उन्होंने 111 साल की उम्र में शाम 6 बजे कप्तानगंज में अंतिम सांस ली. कोविड काल में भुलई भाई तब चर्चा में आये थे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके उनका हालचाल लिया था.

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पीएम मोदी के साथ भुलई भाई पीएम मोदी के साथ भुलई भाई

शिल्पी सेन

  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे पुराने कार्यकर्ता भुलई भाई का निधन हो गया है. उन्होंने 111 साल की उम्र में शाम 6 बजे कप्तानगंज में अंतिम सांस ली. कोविड काल में भुलई भाई तब चर्चा में आये थे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके उनका हालचाल लिया था. 111 साल के श्री नारायण उर्फ भुलई भाई जनसंघ के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. सोमवार को उनकी तबीयत खराब हुई थी और उसके बाद से वो पगार छपरा स्थित अपने घर पर ही ऑक्सीजन पर थे.

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भुलई भाई दीनदयाल उपाध्याय से प्रेरित होकर राजनीति में आए थे और 1974 में कुशीनगर की नौरंगिया सीट से जनसंघ दो बार विधायक बने थे. जनसंघ के बीजेपी बनने के बाद भी वो पार्टी कार्यकर्ता थे. 

साल 2022 में उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद शपथ ग्रहण समारोह में भुलई भाई खास मेहमान बन कर लखनऊ पहुंच थे. लखनऊ में कार्यकर्ता सम्मेलन में भुलई भाई को अमित शाह ने मंच से नीचे उतर कर सम्मानित किया था.

कौन हैं भुलई भाई?

श्री नारायण उर्फ भुलई भाई भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम कार्यकर्ता हैं. भुलई भाई 1974 में नौरंगिया से भारतीय जनसंघ से विधायक रहे हैं. बीजेपी के गठन के बाद भुलई भाई बीजेपी के कार्यकर्ता बन गए. भुलई भाई 1974 में भारतीय जनसंघ के विधायक चुने गए. उस समय देवरिया के नौरंगिया (वर्तमान में कुशीनगर के खड्डा) से भुलई भाई ने विधायक का चुनाव जीता था. 

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केसरिया गमछा भुलई भाई की पहचान

जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई तो श्री नारायण उर्फ भुलई भाई एमए के छात्र थे. उस वक्त दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर उन्होंने जब सिद्धांतों के रास्ते पर चलना शुरू किया, तो इन सिद्धांतों का दामन हमेशा थामे रखा. एमए के बाद एमएड किया और इसके बाद भुलई भाई शिक्षा अधिकारी बन गए, लेकिन 1974 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सियासत में आकर देश और समाज के लिए कुछ करने की ठानी. इसी साल उनको भारतीय जनसंघ ने अपना उम्मीदवार बनाया और भुलई भाई विधायक बन गए.

भुलई भाई ने नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की थी. 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर बनी जनता पार्टी के चुनाव चिह्न पर फिर विधायक चुने गए. भुलई भाई की पहचान उनका केसरिया गमछा रहा.
 

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