भोपाल के प्रतिष्ठित हमीदिया कॉलेज, जिसे पीएम श्री एक्सीलेंस कॉलेज के नाम से भी जाना जाता है, इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में है. कॉलेज की प्रिंसिपल पुष्पलता चौकसे ने मस्जिद के लाउडस्पीकर से आने वाली अजान की आवाज और जमीन पर कथित अतिक्रमण को लेकर शासन से शिकायत की है. इस शिकायत ने शैक्षणिक संस्थान के भीतर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.
प्रिंसिपल चौकसे का आरोप है कि जिस जमीन पर विज्ञान संकाय की इमारत बननी थी, वहां मस्जिद का निर्माण कर लिया गया है. उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर कॉलेज की जमीन का सीमांकन करने की मांग की है. उनका कहना है कि मस्जिद से आने वाली अजान की आवाज से कक्षाओं और परीक्षाओं के दौरान छात्रों को पढ़ाई में बाधा होती है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में भोपाल कलेक्टर को अवगत कराया गया, जिन्होंने अधिकारियों को सीमांकन के निर्देश भी दिए.
पढ़ाई के दौरान आती है अजान की आवाज
प्रिंसिपल की इस शिकायत के बाद जब आजतक की टीम मौके पर पहुंची, तो पाया कि कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अजान की आवाज स्पष्ट रूप से सुनाई दे रही थी. कॉलेज की लाइब्रेरियन अमिता सिंह ने मस्जिद का स्थान भी दिखाया, जो लाइब्रेरी की दीवार से सटी हुई है. उन्होंने बताया कि कई बार लाइब्रेरी में चोरी की घटनाएं भी हो चुकी हैं, जिसकी शिकायत पुलिस में की जा चुकी है.
मस्जिद के 300 साल पुरानी होने का दावा
दूसरी ओर, मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद फारुख ने प्रिंसिपल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मस्जिद करीब 300 साल पुरानी है और यह वक्फ की जमीन पर बनी हुई है, न कि कॉलेज की जमीन पर. उन्होंने सवाल उठाया कि सिर्फ मस्जिद की ही शिकायत क्यों की जा रही है, जबकि पास में मंदिर भी है, जिसकी आवाज की शिकायत नहीं की गई. उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के दौरान अजान की आवाज कम कर दी जाती है.
कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने
यह विवाद अब राजनीतिक रंग ले चुका है. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने प्रिंसिपल का समर्थन करते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस और मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम का उल्लंघन बताया है. वहीं, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने प्रिंसिपल पर राजनीतिक मंशा से प्रेरित होने का आरोप लगाया और कहा कि मस्जिद कमेटी ने पहले ही लाउडस्पीकर की आवाज़ नियंत्रित करने की बात कही थी.
रवीश पाल सिंह