कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू (Bengaluru) में एक दिन पहले हुई मूसलाधार बारिश की वजह से दो और लोगों की जान चली गई है. शहर में एक ही दिन में बारिश की वजह से तीन मौतें दर्ज की गईं हैं. बीटीएम लेआउट में दो और लोगों की जान चली गई, जिससे एक दिन में मरने वालों की तादाद तीन हो गई.
मधुवन अपार्टमेंट में एक दुखद घटना की जानकारी सामने आई है, जिसमें एक 12 साल के लड़के और एक 63 साल के शख्स की अपार्टमेंट परिसर में मौत हो गई. आशंका है कि भरे हुए पानी को निकालते हुए उसे बिजली का करंट लग गया. यह घटना शाम करीब 6 बजे हुई.
मृतकों की पहचान मनमोहन कामथ (63) और दिनेश (12) के रूप में हुई है, जो अपार्टमेंट परिसर में काम करने वाले भारत नेपाली नागरिक का बेटा है. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश का पानी इमारत के कुछ हिस्सों में भर गया था. पीड़ितों को स्थिर पानी को निकालने के लिए पानी के पंप लगाते वक्त बिजली का झटका लग गया. दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सेंट जॉन हॉस्पिटल भेज दिया गया है.
साउथ ईस्ट डीसीपी फातिमा ने बताया, "19 मई को शाम 6:15 बजे, बीटीएम द्वितीय स्टेज, डॉलर्स कॉलोनी, एन.एस. पाल्या स्थित मधुवन अपार्टमेंट में रहने वाले मनमोहन कामथ (63), अपार्टमेंट के तहखाने में जमा पानी को निकालने की कोशिश कर रहे थे."
उन्होंने आगे कहा कि वे बाहर से एक मोटर लाए और उसे स्विच से जोड़कर पानी बाहर निकालने लगे. इस दौरान शॉर्ट सर्किट की वजह से उन्हें बिजली का झटका लगा और उनकी मौत हो गई. इसके साथ ही उसी अपार्टमेंट में काम करने वाले नेपाली मजदूर भरत के 12 वर्षीय बेटे दिनेश को भी बिजली का झटका लगा और उसकी मौत हो गई.
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया, "बेंगलुरु के चिन्हित 70 फीसदी इलाकों में बाढ़ की समस्या हल हो गई है, बाकी को भी जल्द ही ठीक किया जाएगा. हमने बेंगलुरु में बाढ़ की आशंका वाले 210 इलाकों की पहचान की थी. जब से मैंने बेंगलुरु विकास मंत्री का पद संभाला है, हमने उनमें से 166 (70%) इलाकों में बाढ़ की समस्या को ठीक कर दिया है."
उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में 24 इलाकों में बाढ़ की रोकथाम का काम चल रहा है, जबकि बाकी 20 इलाकों में जल्द ही काम शुरू किया जाएगा. हमने 197 किलोमीटर लंबे स्टॉर्म वाटर ड्रेन बनाए हैं.
डीके शिवकुमार ने कहा, "ट्रैफिक पुलिस ने भारी बारिश के दौरान बाढ़ से प्रभावित 132 जगहों की पहचान की है. इनमें से हमने 82 जगहों पर समस्याओं को ठीक कर दिया है और 41 जगहों को ठीक किया जाना बाकी है. हम स्टॉर्म वाटर ड्रेन के लिए 2000 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. बारिश प्रकृति द्वारा कंट्रोल होती है, जबकि हम केवल कंट्रोल करने योग्य चीजों को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकते हैं. हम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को ठीक कर रहे हैं और आम लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं."
उन्होंने आगे कहा कि सिल्क बोर्ड जंक्शन, हेब्बल और येलहंका इलाके में बारिश की मात्रा बहुत ज्यादा रही है. इन इलाकों में कुछ जगहों पर अंडरपास का काम चल रहा है और वे जलमग्न हो गए हैं. हम इन मुद्दों को हल करने के लिए उन विभागों के साथ मिलकर काम करेंगे."
सगाय राज