पश्चिम बंगाल में टीएमसी बनाम बीजेपी की जंग लगातार जारी है. जो टकराव पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ था, अब निकाय चुनाव में भी देखने को मिल रहा है. बीरभूम जिले में सैथियां नगर निकाय टीएमसी ने बगैर चुनाव के जीत लिया है.
सैंथिया नगर निकाय की 16 सीटों में से 13 सीट पर कोई विरोधी पार्टी कैंडिडेट नहीं से पाई. 3 सीटों पर सिर्फ सीपीएम उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर पाए. वहीं बीजेपी का आरोप है कि कल रात से ही उनके उम्मीदवारों को घर घर जाकर डराया धमकाया जा रहा था. ऐसे में आज नामांकन की आखिरी तारीख होने से बीजेपी की ओर से कोई भी नामांकर दाखिल नहीं कर पाया.
बोलपुर में भी बीजेपी के उम्मीदवारों को कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने डराया धमकाया. बीजेपी का आरोप है कि उनके 12 उम्मीदवार जब नामांकन दाखिल करने जा रहे थे, तब उन्हें डराया धमकाया गया और सभी को एक दुकान में जबरन बंद कर दिया गया. कई घंटे तक बीजेपी उम्मीदवार दुकान में बंद रहे.
वहीं टीएमसी नेता देवाशीष साहा का कहना है कि हमने किसी को डराया धमकाया नहीं है. उनके पास उम्मीदवार ही नहीं हैं, इसलिए वह नाटक कर रहे हैं. पिछले पंचायत चुनाव में भी बंगाल में व्यापक हिंसा हुई थी. बगैर लड़े ही ज्यादातर जगहों पर टीएमसी ने चुनाव जीत लिया था. मामला अदालत तक गया था और अदालत ने व्हाट्सएप पर नामांकन भरने का आदेश दिया था. पिछले विधानसभा चुनाव के मत प्रतिशत के मुताबिक सैंथिया की 16 सीटों में से 14 सीटों पर बीजेपी आगे थी.
अब क्योंकि बीजेपी का प्रदर्शन उस चुनाव में अच्छा रहा था, ऐसे में पार्टी को पूरी उम्मीद थी कि निकाय चुनाव में भी मजबूती दिखाई जाएगी. लेकिन पार्टी का आरोप है कि टीएमसी ने किसी को नामांकन तक दाखिल करने नहीं दिया.
अनुपम मिश्रा