Odisha के बालासोर में एफएम कॉलेज की छात्रा के आत्मदाह से जुड़ा मामला गंभीर मोड़ लेता नजर आ रहा है. इस मामले में नया खुलासा हुआ है. इंडिया टुडे/आजतक को वह लेटर मिला है, जो 1 जुलाई को कॉलेज के प्रिंसिपल को सौंपा गया था. इसमें 71 छात्रों ने दावा किया था कि पीड़िता के आरोप झूठे हैं और उसे निलंबित करने की मांग की थी.
लेटर सौंपने वाले इस ग्रुप ने न केवल पीड़िता और उसके समर्थकों को सस्पेंड करने की मांग की, बल्कि जांच के दौरान कॉलेज के भीतर छात्र संगठन की गतिविधियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने का भी प्रस्ताव रखा था. पीड़िता की मौत के बाद सामने आए इस दस्तावेज ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर इन 71 छात्रों को एक साथ लाने और इस चिट्ठी के पीछे कौन था? क्या आरोपियों को बचाने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची जा रही थी?
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India Today से बात करते हुए पीड़िता की एक करीबी सहेली ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उसने बताया कि छात्र संगठनों के कुछ सदस्यों ने पीड़िता को चुप कराने की कोशिशें की थीं. विशेष रूप से तब, जब उसने एक फैकल्टी मेंबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. India Today के पास पीड़िता की एक दोस्त का फोनों रिकॉर्डिंग मौजूद है, लेकिन गोपनीयता के कारण पहचान उजागर नहीं की जा सकती.
सहेली ने दावा किया कि छात्र राजनीति के इस जहरीले माहौल के बीच सोशल मीडिया पर चरित्र हनन अभियान चला, जिसके चलते पीड़िता ने आत्मदाह कर लिया था. परिवार पहले ही इंसाफ की मांग कर रहा है, लेकिन अब जो नया खुलासा हुआ है, उसने पूरे केस को राजनीतिक साजिश की तरफ मोड़ दिया है. कॉलेज के अंदर छात्र संगठनों की प्रतिद्वंद्विता और गुटबाजी के चलते किसी छात्रा की जान चली गई.
अनिर्बन सिन्हा रॉय