महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Maharashtra State Commission for Protection of Child Rights) की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने कहा कि बदलापुर में दो छोटी बच्चियों के साथ यौन शोषण किया गया. इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने में बच्चियों के माता-पिता की मदद नहीं की, बल्कि मामले की छिपाने की कोशिश की.
एजेंसी के अनुसार, स्कूल में अटेंडेंट ने बच्चियों के साथ यौन शोषण किया, जिसके बाद मामला सामने आने पर हालात बेकाबू हो गए. लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया, जिससे लोक रेल सेवाएं बाधित रहीं. पुलिस के साथ झड़प भी हुई.
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि दो किंडरगार्टन की बच्चियों के यौन शोषण यौन शोषण POCSO एक्ट का स्पष्ट मामला है.
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घटना के बारे में जानने के बाद राज्य बाल अधिकार पैनल की चीफ ने कहा कि माता-पिता की परेशानी को लेकर ठाणे जिला की बाल संरक्षण यूनिट से संपर्क किया. इसके बाद बाल संरक्षण इकाई के लोग मामले की शिकायत दर्ज कराने के लिए बच्ची के माता पिता को पुलिस के पास ले गए.
आयोग की अध्यक्ष शाह ने कहा कि इसके बाद जब स्कूल प्रबंधन से मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे छिपाने की कोशिश की. उनसे यह भी पूछा कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ POCSO एक्ट में कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर स्कूल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी होती तो बदलापुर में ऐसी अराजक स्थिति नहीं होती. बच्ची के माता-पिता को 11 घंटे तक इंतजार करने की वजह से समस्या उत्पन्न हुई.
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आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यौन शोषण की घटना के बावजूद प्रिंसिपल ने पुलिस से संपर्क नहीं किया. राज्य के हर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत एक बाल संरक्षण इकाई है. उन्होंने कहा कि हर पुलिस स्टेशन में एक विशेष किशोर संरक्षण इकाई भी है. सभी इकाइयां और समितियां मौजूद हैं. हम सभी को मिलकर इस प्रणाली को प्रभावी ढंग से काम करने के लिए प्रयास करना चाहिए.
आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि वे भविष्य में राज्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक व्यवस्था बनाने की सिफारिश करेंगी. उन्होंने कहा कि राज्य को ऐसी प्रक्रिया लागू करनी चाहिए और उन्हें सख्ती से लागू करना चाहिए.
ठाणे के एक स्कूल में बस अटेंडेंट द्वारा छात्रों के साथ छेड़छाड़ के एक पुराने मामले का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने तब शिक्षण संस्थानों में शिक्षण, गैर-शिक्षण और संविदा कर्मचारियों के अनिवार्य पुलिस सत्यापन की जरूरत पर जोर दिया था. छेड़छाड़ की घटना 20 फरवरी को हुई थी, जब छात्रा एक प्राइवेट बस से मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक मॉल में गई थी.
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