प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) यानी धन शोधन निरोधक कानून में जोड़ गए प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने एक्ट की तारीफ की. केंद्र ने कहा, इसी एक्ट के प्रावधानों के जरिए विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से बैंकों को 8,000 करोड़ रुपये लौटाए गए.
केंद्र ने बताया कि PMLA के तहत 67,000 करोड़ रुपये के सैकड़ों केस सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रवि कुमार की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का पक्ष रखते हुए कहा कि ED द्वारा पीएमएलए के तहत दर्ज 4,850 मामलों की जांच पड़ताल की जा रही है. पिछले 5 सालों में हर साल मामले बढ़ ही रहे हैं.
केंद्र ने बताया कि पिछले 17 सालों में 98,368 करोड़ रुपए मूल्य के धन शोधन मामलों की गड़बड़ी का पता लगाकर छानबीन की गई. इस सिलसिले में एजेंसियों ने इसी कानून के तहत 2883 जगह छापेमारी या तलाशी भी ली. तुषार मेहता ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि जांच पड़ताल के दौरान 57 मामले आतंकवाद और नक्सलियों को अवैध और गोपनीय ढंग से 1249 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने के सामने आए हैं. इसमें 982 करोड़ रुपए की 256 संपत्तियां सील कर 37 मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक दो आतंकियों को सजा भी दिलाई गई है.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि 98368 करोड़ रुपए की जिन गड़बड़ियों का पता लगाया गया है उनमें से 55899 की गड़बड़ी तो संबंधित प्राधिकरण और एजेंसियां पकड़ भी चुकी हैं. उन्होंने बताया कि 2015-16 में PMLA के तहत 111 मामले थे, जो 2020-21 तक 981 हो गए.
पीएमएलए के नए प्रावधानों की तारीफ करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इन सर्च, जब्ती और दोषियों को सजा दिलाने के अलावा सक्षम कोर्ट के आदेश से 853 करोड़ 16 लाख रुपए से ज्यादा की बरामदगी केंद्र सरकार कर चुकी है. तुषार मेहता ने कहा, इन्हीं प्रावधानों की वजह से हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन और इकबाल मिर्ची जैसे आतंकी सरगनाओं पर शिकंजा कसा जा सका.
तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की 18 हजार करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति अटैच की गई है. बाद में जब्त और अटैच की गई संपत्ति 19111 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की हो गई है जबकि उन्होंने 22585 करोड़ रुपए के घोटाले किए हैं. इन तीनों से ही अब तक करीब 15113.91 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति अटैच की जा चुकी है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कुछ अटैच संपत्ति बेचकर 7,975.27 करोड़ रुपए बरामद भी कर लिए हैं.
संजय शर्मा