असम के बकसा जिले में सोमवार को जुबिन गर्ग मौत मामले को लेकर बड़ा बवाल मच गया. बकसा जिला जेल के बाहर सैकड़ों लोग जमा हो गए और हिंसक प्रदर्शन करने लगे। यह विरोध तब भड़का जब इस मामले के पांच आरोपियों को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. जैसे ही आरोपियों को पुलिस की गाड़ियों में बैठाकर जेल ले जाया गया, भीड़ ने काफिले पर पथराव कर दिया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को ले जा रही गाड़ियों पर पत्थर फेंके, जिससे अफरातफरी मच गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले दागे गए. इस दौरान एक पुलिस वाहन में आग लगा दी गई. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और हालात फिलहाल नियंत्रण में बताए जा रहे हैं.
ये पांच आरोपी भेजे गए जेल
जिन पांच लोगों को जेल भेजा गया है, उनमें कार्यक्रम आयोजक श्यामकनु महांता, जुबिन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, उनके कजिन और निलंबित असम पुलिस सेवा (APS) अधिकारी संदीपन गर्ग, और दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) नंदेश्वर बोरा शामिल हैं. इन सभी पर जुबिन गर्ग की मौत से जुड़े कार्यक्रम आयोजन और लापरवाही के आरोप हैं.
सिंगापुर में हुई थी जुबिन की मौत
गौरतलब है कि असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की मौत 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में हुई थी. बताया गया कि वे स्कूबा डाइविंग के दौरान डूब गए थे. स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, उन्हें पानी से निकालकर सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सिंगापुर में हुए पहले पोस्टमॉर्टम में मृत्यु का कारण ‘डूबना (drowning)’ बताया गया, लेकिन असम सरकार ने पारदर्शिता के लिए दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने का आदेश दिया था.
जुबिन गर्ग की मौत के बाद पूरे असम में गुस्सा फैल गया था. उनके प्रशंसक लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं. अब जब इस मामले में आरोपियों को जेल भेजा गया, तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. बकसा में भड़की हिंसा के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है.
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