असॉल्ट-स्नाइपर राइफल, मोर्टार-ग्रेनेड तक... हमले के बाद असम राइफल्स ने बरामद किए हथियार-गोलाबारूद

असम राइफल्स ने मिजोरम के चाम्फाई जिले में म्यांमार सीमा के पास तलाशी अभियान चलाकर हथियारों और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद किया. इसमें असॉल्ट राइफल, स्नाइपर राइफल, मोर्टार, ग्रेनेड और युद्ध जैसी सामग्री शामिल हैं. बरामद सामान पुलिस को सौंप दिया गया है. यह ऑपरेशन इलाके में संभावित भूमिगत गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया.

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असम राइफल्स पर हुए हमले में दो जवानों की मौत हो गई थी. (File Photo) असम राइफल्स पर हुए हमले में दो जवानों की मौत हो गई थी. (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:41 AM IST

असम राइफल्स ने मिजोरम के चाम्फाई जिले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं. यह जानकारी शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई.

बयान के अनुसार, खुफिया इनपुट मिलने के बाद असम राइफल्स ने गुरुवार को म्यांमार सीमा के पास साइकुम्फाई गांव के घने जंगलों में तलाशी अभियान शुरू किया. शुक्रवार सुबह जवानों को वहां जमीन के नीचे छुपाया गया हथियारों का जखीरा मिला.

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बरामदगी में एक हैकलर एंड कॉख जी3 असॉल्ट राइफल, एक स्प्रिंगफील्ड स्नाइपर राइफल, एक 60 एमएम मोर्टार ट्यूब, 21 राउंड गोलियां और 13 ग्रेनेड शामिल हैं. 

कई अन्य हथियार भी बरामद किए गए

इनके अलावा युद्ध जैसी सामग्री भी मिली है, जिनमें आठ आठ-मीटर कॉर्डटेक्स, दो ट्रिप वायर, एक स्नाइपर स्कोप, दो आरपीजी रेंज एक्सटेंडर, एक-एक मैगज़ीन (एके-47 और पिस्टल), दो रेडियो सेट विद एंटेना, एक स्पेयर एंटेना और अन्य सामान शामिल है.

बरामदगी के बाद असम राइफल्स के जवानों ने आसपास का इलाका खंगाला ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं भूमिगत संगठन के सदस्य तो सक्रिय नहीं हैं. सभी हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामान आगे की जांच के लिए चाम्फाई जिले के दुंगतलांग में राज्य पुलिस को सौंप दिए गए हैं.

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असम राइफल्स के जवानों पर हमला

19 सितंबर 2025 को मणिपुर के बिशनुपुर जिले में असम राइफल्स के दो जवानों, नायब सुबेदार श्याम गुरुंग और राइफलमैन रंजीत सिंह कश्यप की एक अज्ञात हमलावर द्वारा किए गए हमले में मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए. यह हमला नंबोल सबल लेकाई नेशनल हाईवे-2 पर हुआ, जब कुछ दिन पहले ही विद्रोही समूहों द्वारा बंद का आह्वान किया गया था.

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हालांकि किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यह घटना इस क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति की नाजुकता को दर्शाती है, जो मई 2023 से जातीय हिंसा का शिकार है. हमले के बाद, अपराधियों की तलाश के लिए तलाशी अभियान चलाए गए, जबकि स्थानीय निवासियों ने हमले की निंदा करते हुए प्रदर्शन और मोमबत्ती जलाए और पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त की.

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