बंगाल में करोड़ों के चिटफंड घोटाले की जांच में एक बड़ी प्रगति हुई है. रविवार को आसनसोल जिला अदालत ने तृणमूल कांग्रेस के अल्पसंख्यक शाखा के वरिष्ठ नेता के बेटे तहसीन अहमद को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. अहमद को शनिवार देर रात आसनसोल नॉर्थ थाना पुलिस ने एनएच-19 स्थित चंद्रचूड़ मंदिर के पास से गिरफ्तार किया था, जब वह कथित रूप से झारखंड की ओर भागने की कोशिश कर रहा था.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तहसीन अहमद के पास से लाखों रुपये मूल्य के सोने और चांदी के आभूषण बरामद किए गए हैं. पुलिस को शक है कि यह आभूषण उसी चिटफंड योजना की रकम से खरीदे गए हैं, जिसके जरिए आसनसोल और आसपास के जिलों के सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगे गए.
जांच अधिकारियों ने आरोपी से पूछताछ और घोटाले की मनी ट्रेल का पता लगाने के लिए 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी. हालांकि, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 10 दिन की रिमांड मंजूर की.
बचाव पक्ष के वकील सैयद रहान ने पुलिस जांच में कई प्रक्रियागत खामियों का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके मुवक्किल को जब्त किए गए सोने और चांदी के गहनों से संबंधित दस्तावेजों की जांच या सत्यापन करने का अवसर नहीं दिया. रहान ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तारी से पहले सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार अनिवार्य नोटिस जारी नहीं किया गया.
वहीं, पुलिस अधिकारियों ने तहसीन अहमद की गिरफ्तारी को इस मामले में “महत्वपूर्ण सफलता” बताया और कहा कि जांच आगे बढ़ने के साथ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने आरोपी से खुद को अलग कर लिया है. पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि उसका आरोपी की गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है और कानून अपना काम करेगा.
इस गिरफ्तारी के बाद पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई है. ठगे गए निवेशक अब उम्मीद कर रहे हैं कि जांच के दौरान घोटाले के पीछे छिपे पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होगा और उन्हें न्याय मिलेगा.
अनिल गिरी