अनिल अंबानी की बढ़ी मुश्किलें, 3000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में ED ने जारी किया लुकआउट नोटिस

अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है. अब वे अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते. यह कार्रवाई करीब 3000 करोड़ रुपये के कथित लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर की गई है.

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3000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में अनिल अंबानी के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी (Photo: Reuters) 3000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में अनिल अंबानी के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी (Photo: Reuters)

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:34 PM IST

3000 करोड़ रुपये से जुड़े कथित लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिलायंस समूह के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज (शुक्रवार) को उनके ख़िलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है. अब वह अदालत के अनुमित के बिना भारत से बाहर नहीं जा सकते.

ईडी के द्वारा ये कार्रवाई उनकी कंपनियों पर की गई लगातार छापेमारी, धोखाधड़ी के आरोप और एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी समन के बाद सामने आई है. 

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ED की शुरुआती जांच में सामने आया है कि अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियां ने एक योजना के तहत सरकारी पैसों का गलत इस्तेमाल किया और बैंकों को धोखा दिया. आरोप है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से मिले करीब 3000 करोड़ रुपये के लोन को गलत तरीके से दूसरी जगह भेजा गया. 

यह भी पढ़ें: अनिल अंबानी को ED समन के बाद फर्जी बैंक गारंटी केस में भी एक्शन, ओडिशा-बंगाल में छापेमारी

अधिकारियों का कहना है कि लोन मिलने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटरों से जुड़ी कंपनियों को पैसे भेजे गए. इससे शक पैदा हुआ कि अधिकारियों और लोन लेने वाली कंपनियों के बीच कोई साठगांठ है. यानि रिश्वत या फेवर का लेनदेन हुआ हो सकता है. 

ईडी अब अनिल अंबानी की कंपनियों और येस बैंक के प्रमोटरों के बीच रिश्तों की जांच कर रही है. जांच में ये सामने आया है कि लोन देने के समय नियमों का सही पालन नहीं किया गया. कई दस्तावेज पुराने तारीख़ में बनाए गए, बिना पूरी जांच के निवेश किए गए और बैंक की अपनी लोन नीति का भी उल्लंघन किया गया. 

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