'वारिस पंजाब दे' का मुखिया अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पंजाब पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. अमृतपाल के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है. लेकिन अभी तक वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर ही है. ऐसे में अमृतपाल का परिवार भी पंजाब पुलिस पर झूठे मामलों में उसे फंसाने का आरोप लगा रहा है.
अमृतपाल एक जट्ट सिख परिवार से ताल्लुक रखता है. उसका सरनेम संधू है. अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में उसका पैतृक घर और खेती की जमीन है. अमृतपाल के परिवार का दुबई में ट्रांसपोर्ट बिजनेस भी है. अमृतपाल, उसके पिता तरसेम के अलावा उसके चाचा संयुक्त रूप से इस बिजनेस को चलाते हैं. पहले अमृतपाल डिस्पैचर के तौर पर काम करता था. ट्रांसपोर्ट के इस बिजनेस को असल में अमृतपाल के चाच हरजीत सिंह ने ही शुरू किया था. हरजीत को अमृतपाल की मदद करने के आरोप में पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर लिया था. आइए अमृतपाल और उसके परिवार के सदस्यों पर एक नजर डालते हैं.
अमृतपाल सिंह संधू (30)
अमृतपाल पहले दुबई में डिस्पैचर के तौर पर काम करता था. वह परिवार के ट्रांसपोर्ट बिजनेस में भी मदद करता था. उसने 12वीं तक की पढ़ाई की लेकिन बैचलर डिग्री की पढ़ाई पूरी नहीं कर सका. वह पिछले साल ही पंजाब लौटा था. उसने 29 सितंबर 2022 को वारिस पंजाब दे का प्रमुख घोषित कर दिया था.
वह आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) नाम से खुद की एक आर्मी भी बना रहा था, जिसके लिए वह भर्तियां भी करता था. अमृतपाल और उसके सहयोगियों को पकड़ने के लिए पुलिस के ऑपरेशन शुरू करने के बाद से वह फरार है. अमृतपाल अपने मां-बाप की दूसरी संतान है. परिवार में उसका एक बड़ा भाई और दो छोटी जुड़वां बहनें हैं. अमृतपाल ने 10 फरवरी 2023 को किरणदीप कौर से शादी की थी.
चरण कौर (दादी): अमृतपाल की दादी चरण कौर धार्मिक महिला है, जिन्हें अक्सर भजन गाते देखा जा सकता है. उन्होंने पंजाब पुलिस पर अमृतपाल को झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगया है.
तरसेम सिंह (पिता): तरसेम सिंह अमृतपाल के पिता हैं. तरसेम के चार भाई-बहन हैं. उन्होंने भी दुबई में काम किया है. उन्होंने अजनाला, अमृतसर और जालंधर में अमृतपाल के खिलाफ दर्ज सातों एफआईआर में लगाए गए आरोपों से इनकार किया है.
बलविंदर कौर (मां): अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर मीडिया से अक्सर दूरी बनाए रखती हैं. उन्होंने पुलिस पर अमृतपाल को झूठे मामलों में फंसाने का आरोप लगाया है.
हरजीत सिंह (चाचा): अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह ने दुबई में ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू किया था और बाद में वह कनाडा चला गया. वह पिछले महीने ही भारत लौटा है और अमृतपाल की मदद कर रहा था. वह अमृतपाल की कार चला रहा था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उस पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया है.
अमृतपाल के सहयोगी
पुलिस ने अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह के अलावा उसके पांच सहयोगियों दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह उर्फ बाजेके को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया है.
तूफान सिंह: पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला तूफान सिंह असल में अमृतपाल सिंह का करीबी है. वह अपहरण और दंगा कराने के आरोप में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है. अमृतपाल ने तूफान सिंह को रिहा कराने के लिए 24 फरवरी को अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था.
दलजीत सिंह कलसी: अमृतसर का रहने वाला दलजीत सिंह आईएसआई और खालिस्तान का समर्थन करने वाले अन्य संगठनों के संपर्क में था. वह बीते दो सालों में हवाला के जरिए 35 करोड़ रुपये हासिल कर चुका है. वह पहले दीप सिद्धू के साथ काम करता था और उसे गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था. उस पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
भगवंत सिंह: भगवंत को बाजेके के नाम से भी जाना जाता है. वह मीडिया कॉर्डिनेटर के तौर पर काम करता था और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव था. उसके फेसबुक पर छह लाख से अधिक फोलोअर्स हैं. उसे 18 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मनजीत सहगल