चमोली त्रासदी पर राज्यसभा में बोले शाह- 14 वर्ग किमी क्षेत्र जितना बड़ा था टूटा ग्लेशियर

इस प्राकृतिक आपदा ने जान और माल दोनों को ही गहरा आघात पहुंचाया है. राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक इस घटना के बाद पूरी सक्रियता के साथ राहत व बचाव कार्य में जुटी है. आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस घटना पर राज्यसभा में बयान भी देने वाले हैं.

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST
  • उत्तराखंड त्रासदी पर राज्यसभा में अमित शाह ने दिया बयान
  • चमोली में अब भी चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब ने बड़ा नुकसान किया है. इस प्राकृतिक आपदा ने जान और माल दोनों को ही गहरा आघात पहुंचाया है. राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक इस घटना के बाद पूरी सक्रियता के साथ राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं. इस घटना पर आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बयान दिया.

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अमित शाह ने बताया, ''बाढ़ से 13.2 मेगावाट की जल विद्युत परियोजन बह गई. इस अचानक आई बाढ़ ने तपोवन में NTPC की 520 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचाया है. उत्तराखंड सरकार ने बताया है कि बाढ़ से निचले क्षेत्र में अब कोई खतरा नहीं है. साथ ही साथ जलस्तर में भी कमी आ रही है. केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां हालात पर नजर रखे हुए हैं.''

7 फरवरी को हुई ग्लेशियर टूटने की इस घटना पर आगे अमित शाह ने बताया कि 5600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ, जो 14 वर्ग किमी क्षेत्र जितना बड़ा था. जिसके कारण बाढ़ की स्थित बन गई. 

24 घंटे की जा रही निगरानी- अमित शाह

अमित शाह ने कहा, ''केंद्र सरकार द्वारा स्थिति की 24 घंटे उत्तम स्तर पर निगरानी की जा रही है. प्रधानमंत्री जी स्वयं स्थिति पर गहरी निगाह रखें हैं. गृह मंत्रालय के दोनों कंट्रोल रूम के द्वारा नजर रखी जा रही है. राज्य को हर संभव सहायता दी जा रही है. मैं सदन को केंद्र सरकार की ओर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि राहत और बचाव के सभी संभव उपाय राज्य सरकार के साथ समन्वय के साथ किये जा रहे हैं और जो भी आवश्यक कदम उठाने जरूरी हैं, वो उठाये जा रहे हैं.''

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बता दें कि ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे में अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जबकि 170 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. तपोवन टनल में अब भी काफी लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू टीम दिन-रात लगी हुई है. वायुसेना की तरफ से आज Mi-17 को मिशन में उतार दिया गया है. ये विमान NDRF के जवानों को देहदादून से जोशीमठ पहुंचाएगा.

बता दें कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन को NDRF, SDRF और ITBP समेत लोकल एजेंसियां अंजाम दे रही हैं. सैलाब से प्रभावित रैणी गांव में भी रेस्क्यू टीम लगी हुई है. जिन गांवों का संपर्क कटा हुआ है वहां खाने-पीने का सामान भेजा जा रहा है. 

 

 

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