बेहतर पिकअप, अच्छी राइड क्वालिटी, प्रदूषण भी कम... चिंताओं के बीच सरकार ने गिनाए E20 फ्यूल के फायदे

केंद्र सरकार ने कहा है कि E20 ईंधन, जो पेट्रोल और 20% एथनॉल के मिश्रण से तैयार होता है, न सिर्फ वाहनों को बेहतर पिकअप और स्मूद राइड क्वालिटी देता है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी 30% तक घटाता है.

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केंद्र सरकार ने कहा है कि E20 ईंधन कार्बन उत्सर्जन को भी 30% तक घटाता है. (Photo: Representational) केंद्र सरकार ने कहा है कि E20 ईंधन कार्बन उत्सर्जन को भी 30% तक घटाता है. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:03 PM IST

केंद्र सरकार ने कहा है कि E20 ईंधन, जो पेट्रोल और 20% एथनॉल के मिश्रण से तैयार होता है, न सिर्फ वाहनों को बेहतर पिकअप और स्मूद राइड क्वालिटी देता है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी 30% तक घटाता है. सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस ईंधन के इस्तेमाल को लेकर अलग-अलग स्तर पर चिंताएं जताई जा रही हैं.

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20% एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) की शुरुआत को लेकर बढ़ती आलोचनाओं के बीच, केंद्र सरकार ने मंगलवार को इसका जोरदार बचाव किया. सरकार ने स्पष्ट कहा कि इस बदलाव से न सिर्फ प्रदूषण कम होगा और तेल आयात बिल घटेगा, बल्कि वाहनों में बेहतर पिकअप, स्मूद राइड क्वालिटी और E10 ईंधन की तुलना में लगभग 30% कम कार्बन उत्सर्जन भी मिलेगा.

मंत्रालय ने चिंताओं को किया स्वीकार 

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि कुछ वाहन चालकों ने माइलेज घटने और उन इंजनों को नुकसान की आशंका जताई है जो ज्यादा एथनॉल मिश्रण के लिए ट्यून नहीं किए गए हैं.

हालांकि मंत्रालय ने कहा कि ऐसी चिंताओं की आशंका 2020 में ही जताई गई थी और इन्हें सरकार व नीति आयोग की इंटर-मिनिस्टीरियल कमेटी ने विस्तार से परखा था. मंत्रालय के मुताबिक, माइलेज केवल ईंधन के प्रकार पर ही नहीं, बल्कि कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है- जैसे ड्राइविंग का तरीका, वाहन का रखरखाव, टायर का प्रेशर, एलाइनमेंट और एयर कंडीशनिंग का लोड. E10 वाहनों में दक्षता में जो कमी आई है, वह भी मामूली रही है.

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इंजन में खराबी के दावों को किया खारिज

नीति आयोग के एक अध्ययन का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि गन्ने से बने एथनॉल से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 65% कम होता है, जबकि मक्के से बने एथनॉल से यह 50% कम होता है, पेट्रोल की तुलना में.

मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर खराबी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि अधिकांश मानकों पर E20 अनुकूल है, और केवल कुछ पुराने वाहनों में रबर पार्ट्स या गैसकेट को जल्दी बदलने की जरूरत पड़ सकती है- जो एक कम लागत वाला काम है और आमतौर पर वाहन की पूरी उम्र में सिर्फ एक बार किया जाता है.

सरकार ने दिया ब्राजील का उदाहरण

कीमत को लेकर मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल एथनॉल की औसत वेटेड कीमत रिफाइंड पेट्रोल से अधिक है, फिर भी तेल कंपनियों ने लंबे समय के ऊर्जा सुरक्षा, ग्रामीण आय और पर्यावरण लाभ को देखते हुए मिश्रण नीति को नहीं छोड़ा है. मंत्रालय ने भरोसा दिलाया कि E20 के इस्तेमाल से बीमा दावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

केंद्र ने ब्राज़ील का उदाहरण भी दिया, जहां लंबे समय से E27 ईंधन का सफलतापूर्वक उपयोग हो रहा है और कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई. मंत्रालय ने बताया कि वहां ह्युंडई, टोयोटा और होंडा जैसी कंपनियां पहले से ही अनुकूल वाहन बेच रही हैं.

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