पद्मश्री सम्मानित कर्तिक महाराज पर गंभीर आरोप, महिला बोली- नौकरी का झांसा देकर किया रेप

शिकायतकर्ता महिला ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए मीडिया से बात की और बताया कि वर्ष 2013 में कर्तिक महाराज उसे मुर्शिदाबाद स्थित एक आश्रम के प्राथमिक विद्यालय में नौकरी दिलाने के बहाने ले गए. महिला को शिक्षक नियुक्त किया गया और उसी आश्रम परिसर में रहने के लिए एक कमरा भी दिया गया.

Advertisement
पद्मश्री सम्मानित कर्तिक महाराज (File Photo) पद्मश्री सम्मानित कर्तिक महाराज (File Photo)

अनुपम मिश्रा

  • कोलकाता,
  • 28 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

भारत सेवाश्रम संघ से जुड़े पद्मश्री सम्मानित कर्तिक महाराज पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला ने आरोप लगाया है कि महाराज ने नौकरी का झांसा देकर पहले उसे ठगा और फिर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए. इस मामले में मुर्शिदाबाद जिले के नबग्राम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और पुलिस जांच में जुट गई है.

Advertisement

शिकायतकर्ता महिला ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए मीडिया से बात की और बताया कि वर्ष 2013 में कर्तिक महाराज उसे मुर्शिदाबाद स्थित एक आश्रम के प्राथमिक विद्यालय में नौकरी दिलाने के बहाने ले गए. महिला को शिक्षक नियुक्त किया गया और उसी आश्रम परिसर में रहने के लिए एक कमरा भी दिया गया.

महिला का आरोप है कि एक रात अचानक कर्तिक महाराज उसके कमरे में आए और शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा. महिला का दावा है कि जब उसने विरोध किया तो उसे मानसिक दबाव डालकर और भय दिखाकर संबंध बनाने को मजबूर किया गया.

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, नबग्राम थाना में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपी कर्तिक महाराज भारत सेवाश्रम संघ के बेलडांगा स्थित मठ से जुड़े हैं. शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और पीड़िता का बयान दर्ज किया जा चुका है. मेडिकल परीक्षण समेत अन्य कानूनी प्रक्रियाएं भी अपनाई जा रही हैं.

Advertisement

कर्तिक महाराज का आरोपों से इनकार

कर्तिक महाराज ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि वे एक सन्यासी हैं और सन्यास के मार्ग में इस तरह की अड़चनें आती रहती हैं. उन्होंने कहा कि वह न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और उनका कानूनी पक्ष उनके वकील कोर्ट में पेश करेंगे.

बता दें कि कर्तिक महाराज का राजनीतिक जुड़ाव भी इस मामले को और जटिल बनाता है. वह भारतीय जनता पार्टी के करीबी माने जाते हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले भी कई बार उन पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगा चुकी हैं, विशेषकर चुनावों के दौरान. ऐसे में इस पूरे प्रकरण को केवल कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है. फिलहाल भारत सेवाश्रम संघ की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement