कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: हिंदू-मुस्लिम पक्ष की 15 याचिकाओं पर कल HC सुनाएगा अहम फैसला

हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल याचिकाओं में दावा किया गया है कि मस्जिद का निर्माण कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर किया गया है. जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध करते हुए इसे पूजा स्थल अधिनियम 1991 के खिलाफ बताया है.

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इलाहाबाद कोर्ट सुनाएगी अपना फैसला. इलाहाबाद कोर्ट सुनाएगी अपना फैसला.

आनंद राज

  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट गुरुवार को बड़ा फैसला सुना सकती है. 2 बजे कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी. बता दें कि 6 जून को इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में दायर मुकदमों की स्थिरता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट ये फैसला सुनाएगी.

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दरअसल, जस्टिस मयंक कुमार जैन ने 6 जून को मुकदमों की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को "हटाने" की मांग करते हुए कई मुकदमे दायर किए गए हैं, वादियों का दावा है कि औरंगजेब-युग की मस्जिद मंदिर के विध्वंस के बाद बनाई गई थी. मस्जिद प्रबंधन समिति ने अपनी याचिका में इन मुकदमों को चुनौती दी है.बता दें कि श्रीकृष्णा जन्मभूमि और शाही इदगाह से संबंधित कुल 15 याचिकाओं पर फैसला आएगा.

मुस्लिम पक्ष -मस्जिद प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने तर्क दिया है कि मुकदमे पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत वर्जित हैं. मुस्लिम पक्ष के अनुसार, मुक़दमे स्वयं इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि विचाराधीन मस्जिद का निर्माण 1669-70 में किया गया था.

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जानें अब तक क्या-क्या हुआ
हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल याचिकाओं में दावा किया गया है कि मस्जिद का निर्माण कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर किया गया है. बता दें कि 14 दिसंबर 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के कोर्ट की निगरानी में सर्वे के लिए एडवोकेट कमीशन के गठन की मांग वाली अर्जी स्वीकार कर ली थी. हाईकोर्ट के इस आदेश को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर 17 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा एडवोकेट कमीशन के गठन वाले आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि CPC के आर्डर 7 नियम 11 के तहत मुकदमे की स्थिरता सहित विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई जारी रहेगी.हा

सुप्रीम कोर्ट के रोक वाले आदेश के बाद हिंदू पक्ष ने रेवेन्यू सर्वे की मांग वाली अर्जी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की थी. पिछले साल मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित सभी मामलों को मथुरा कोर्ट से अपने पास ट्रांसफर कर लिया था. बता दें कि मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील दी जा रही है कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल याचिकाएं पोषणीय नहीं है.

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1968 में हुए समझौते को लेकर भी मुस्लिम पक्ष ने दलील पेश की है.इसके तहत केशव देव कटरा की 13.7 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई है. इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष ने 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, लिमिटेशन एक्ट, वक्फ एक्ट और स्पेशल रिलीफ एक्ट का हवाला दिया हैं. यह मामला इन चार एक्ट से बाधित है, इसलिए उनकी सुनवाई यहां नहीं हो सकती है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी.

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