जम्मू-कश्मीर की जेलों पर हमले का अलर्ट, बंद हैं कई कुख्यात टेररिस्ट, बढ़ाई गई सुरक्षा

सूत्रों का कहना है कि खुफिया जानकारी के अनुसार, श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू के कोट भलवाल जैसी जेलों में आतंकी हमला हो सकता है. इन जेलों में कई हाई प्रोफाइल आतंकी और ओजीडब्ल्यू कैद हैं. खुफिया इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने इन सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी है.

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सुरक्षाबलों के जवान. (फाइल फोटो) सुरक्षाबलों के जवान. (फाइल फोटो)

कमलजीत संधू

  • श्रीनगर,
  • 05 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST

श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू-कश्मीर के कोट बलवाल जैसी जेलों में आतंकी हमले का इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी है. इन जेलों में कई बड़े आतंकी और OGW (ओवर ग्राउंड वर्कर) बंद हैं.

सूत्रों का कहना है कि खुफिया जानकारी के अनुसार, श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू के कोट भलवाल जैसी जेलों में आतंकी हमला हो सकता है. इन जेलों में कई बड़े (हाई प्रोफाइल) आतंकी और ओजीडब्ल्यू कैद हैं. खुफिया इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने इन सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी है.

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DG ने की सुरक्षा ग्रिड के अधिकारियों से मुलाकात

सूत्रों ने ये भी बताया कि इनपुट मिलने के बाद डीजी CISF ने रविवार को श्रीनगर में सुरक्षा ग्रिड के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की है. और समीक्षा के बाद जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

2023 में मिला था जेलों की सुरक्षा का जिम्मा

आपको बता दें कि सीआईएसएफ ने अक्टूबर, 2023 में सीआरपीएफ से जम्मू-कश्मीर की जेलों की सुरक्षा का जिम्मा संभाला था.

NIA ने आतंकियों से की पूछताछ

बीते दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम आतंकी हमले में कथित संलिप्तता के लिए जम्मू जेल में बंद दो OGW निसार और मुश्ताक से पूछताछ की. ये दोनों अप्रैल 2023 से जम्मू जेल में बंद हैं. दोनों को 1 जनवरी, 2023 को राजौरी जिले में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें दो बच्चों समेत 7 नागरिक मारे गए थे. हमले के अगले दिन एक आईईडी विस्फोट हुआ था.

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संघीय आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी ने 27 अप्रैल को जम्मू में मामला दर्ज करने के बाद औपचारिक रूप से पहलगाम हमले की जांच अपने हाथ में ले ली थी. तब से एनआईए की टीमें  महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कई राज्यों में पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज कर रही हैं.

जांच अधिकारियों का मानना है कि मुश्ताक और निसार को पहलगाम हमले की प्लान के बारे में पहले से जानकारी थी या उन्होंने इसमें मदद की थी तथा उनसे पूछताछ इसमें शामिल व्यापक आतंकवादी नेटवर्क का पता लगाने के कोशिश का हिस्सा है.

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