'सीमा पार आतंक के दोषियों को सजा दिलाना जरूरी...', SCO की बैठक में बोले अजीत डोभाल

एनएसए डोभाल ने बैठक में बताया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें लश्कर की छाया संगठन TRF द्वारा 26 भारतीय और नेपाली नागरिकों की धर्म के आधार पर पहचान कर हत्या कर दी गई, के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया है.

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NSA अजीत डोभाल. (File photo) NSA अजीत डोभाल. (File photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2025,
  • अपडेटेड 8:13 PM IST

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मंगलवार को चीन के बीजिंग में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के आयोजकों, वित्तपोषकों और समर्थकों को जवाबदेह ठहराना बेहद आवश्यक है.

डोभाल का यह बयान पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के विरुद्ध भारत की कड़ी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत उन आतंकी संगठनों को लेकर गहरी चिंता में है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किया गया है, जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), अल कायदा, ISIS और इनके सहयोगी गुट.

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एनएसए डोभाल ने बैठक में बताया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें लश्कर की छाया संगठन TRF द्वारा 26 भारतीय और नेपाली नागरिकों की धर्म के आधार पर पहचान कर हत्या कर दी गई, के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया है.

उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवादी ढांचे को खत्म करने और आतंकवादियों को भविष्य में हमलों से रोकने के उद्देश्य से चलाया गया. भारत की कार्रवाई ‘संयमित और गैर-उत्तेजक’ (measured and non-escalatory) रही.

दोहरे मानकों से निपटने की जरूरत: डोभाल

डोभाल ने SCO सदस्य देशों को आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मानकों को त्यागने और UN द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों व उनके सहयोगियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की अपील की. उन्होंने जोर देकर कहा कि इन संगठनों की आतंकी संरचना और पूरे इको-सिस्टम को ध्वस्त किया जाना चाहिए.

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'आतंकवाद मानवता के खिलाफ अपराध'

एनएसए डोभाल ने कहा कि हर प्रकार का आतंक, विशेषकर सीमा पार आतंकवाद, मानवता के खिलाफ अपराध है और इसे किसी भी रूप में सहन नहीं किया जा सकता. उन्होंने SCO सदस्यों से आह्वान किया कि वे ऐसे कृत्यों के दोषियों, योजनाकारों, वित्तदाताओं और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाने में सहयोग करें.

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