AI, वूमेन पावर और ग्लोबल विजन... ICSSR-स्प्रिंगर नेचर ने लॉन्च किया इंडिया रिसर्च टूर, जान‍िए-क्या होंगे फायदे

स्प्रिंगर नेचर ने ICSSR के साथ इंडिया रिसर्च टूर का तीसरा एडिशन लॉन्च किया है जो 7 राज्यों के 15 शहरों तक पहुंचेगा. इस टूर का मकसद महिलाओं को रिसर्च में आगे बढ़ाना, ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देना और AI की मदद से लैंग्वेज बैरियर तोड़कर रिसर्च को ज्यादा आसान और असरदार बनाना है.

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IIT से ICAR तक पहुंचेगा रिसर्च टूर, नई टेक्नोलॉजी पर खास फोकस IIT से ICAR तक पहुंचेगा रिसर्च टूर, नई टेक्नोलॉजी पर खास फोकस

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

ग्लोबल रिसर्च पब्लिशर स्प्रिंगर नेचर ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के साथ मिलकर ‘इंडिया रिसर्च टूर’ का तीसरा एडिशन शुरू किया है. यह कैंपेन देशभर के 15 शहरों और 7 राज्यों के 29 कॉलेज और यूनिवर्सिटीज तक पहुंचेगा. इसका फोकस रिसर्च में ईमानदारी, नए आइडिया और खासतौर पर महिलाओं को आगे बढ़ाने पर है. 

लॉन्च इवेंट में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा कि ये टूर महिलाओं को रिसर्च में सपोर्ट करने और स्टूडेंट्स को सही दिशा देने का बेहतरीन मौका है. ये विकसित भारत के विजन में योगदान देगा. स्प्रिंगर नेचर के CEO फ्रैंक व्रांकेन पीटर्स ने कहा कि ये पहल भारत के रिसर्च इकोसिस्टम के लिए हमारी कमिटमेंट दिखाती है. ये ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस और लोकल टैलेंट को जोड़ती है.

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महिलाओं पर खास फोकस

ICSSR के सदस्य सचिव प्रो. धनंजय सिंह ने बताया कि पिछले दो सालों में ये टूर 25 शहरों और 15 राज्यों के 36 संस्थानों तक गया और 200 से ज्यादा महिला रिसर्चर्स को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि हम आधे रिसर्च ग्रांट महिलाओं को देते हैं. हाल ही में ‘वूमेन इन रिसर्च फॉर वूमेन डेवलपमेंट’ प्रोग्राम लॉन्च किया गया जिसमें 158 महिला शोधकर्ताओं को सपोर्ट मिला.

स्प्रिंगर नेचर इंडिया के MD वेंकटेश सर्वसिद्धि ने कहा कि महिलाओं को रिसर्च के दौरान सेफ्टी और समय पर स्टाइपेंड जैसी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. हम 1100 से ज्यादा महिला प्रोजेक्ट डायरेक्टर्स और 100 से ज्यादा रिसर्च फेलोज को सपोर्ट कर रहे हैं. हमारे प्रोग्राम ‘हर रिसर्च, ऑवर फ्यूचर’ के जरिए उन्हें अवॉर्ड और रिकॉग्निशन भी दिया जाता है.

IIT से लेकर ICAR तक होंगे शामिल 

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ये टूर सिर्फ IIT या IIM तक सीमित नहीं है. इसमें IIT खड़गपुर, IIT कानपुर, IIT गुवाहाटी, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, IIM कलकत्ता, IIM लखनऊ, IIM बोधगया, सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटीज, ICAR और इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट जैसे संस्थान भी शामिल हैं.

सर्वसिद्धि ने बताया कि हम टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, मेडिकल और सोशल साइंस तक हर फील्ड को कवर कर रहे हैं. ICSSR के साथ मिलकर हम रिसर्च को आसान भाषा में लोगों तक पहुंचाएंगे ताकि पेटेंट से पॉलिसी मेकिंंग तक ये शोध पहुंचे.  इनका सोसाइटी को भी फायदा हो.

AI से प्लेजरिज्म पकड़ने और लैंग्वेज बैरियर खत्म करने की तैयारी

टूर में AI का रोल भी बड़ा रहेगा. सर्वसिद्धि ने बताया कि हम SnappShot और जिप्टो जैसे AI टूल्स से इमेज कॉपी या प्लेजरिज्म पकड़ते हैं. ये फ्री उपलब्ध कराए हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत में 40 से ज्यादा बड़ी भाषाएं हैं. AI जैसे OpenAI, Perplexity और हमारा Nature Research Assistant रिसर्च को अलग-अलग भाषाओं में ट्रांसलेट करने की द‍िशा में काम कर रहा है. हालांकि, टेक्निकल टर्म्स का ट्रांसलेशन अब भी एक चुनौती है जिस पर काम जारी है. 

ओपन एक्सेस और SDG पर जोर

टूर में ओपन एक्सेस, वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS), रिसर्च इंटेग्रिटी और UN सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) पर भी फोकस रहेगा. सर्वसिद्धि ने कहा कि हम फ्री सेशंस में रिसर्च मेथडोलॉजी सिखाते हैं, जो आमतौर पर स्कूल या कॉलेज में नहीं पढ़ाई जाती. यही नहीं ICSSR अब बीएससी, बीकॉम और बीटेक के स्टूडेंट्स के लिए भी रिसर्च मेथड्स कोर्स शुरू कर रहा है.

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