गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जहां उन्हें पद से हटा दिया तो वहीं, इसके एक दिन बाद ही केंद्र ने इस पद का प्रभार भी सौंप दिया है. सामने आया है कि, बीएसएफ महानिदेशक नितिन अग्रवाल को उनके राज्य कैडर में वापस भेजने के एक दिन बाद, महानिदेशक (एसएसबी) दलजीत सिंह चौधरी को महानिदेशक (बीएसएफ) पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. केंद्र ने इस बीएसएफ महानिदेशक पद पर नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक या अगले आदेश तक के लिए ये अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.
बता दें कि गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात बीएसएफ के डायरेक्टर रहे जनरल नितिन अग्रवाल को पद से हटा दिया है. वहीं, BSF के स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को भी हटाकर ओडिशा कैडर में वापस भेज दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, नितिन अग्रवाल को उनके मूल कैडर केरल में वापस भेज दिया गया है. गृह मंत्रालय ने इस कदम को Premature repatriation कहा है.
माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में पिछले 1 साल से हो रही लगातार आतंकियों की घुसपैठ डीजी बीएसएफ और स्पेशल डीजी बीएसएफ को हटाने की मुख्य वजह है. जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ को लेकर भारत सरकार का यह सबसे बड़ा प्रशासनिक एक्शन है, जिसकी गाज वरिष्ठतम अधिकारियों पर गिरी है.
बता दें कि इससे पहले जम्मू रीजन में आतंकवादी हमलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच, केंद्र ने सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए असम राइफल्स की 2 बटालियनों को जम्मू क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है. मणिपुर से असम राइफल्स की 2 बटालियनें जम्मू क्षेत्र में स्थानांतरित की जाएंगी.
हाल ही में, सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए जम्मू क्षेत्र में 3000 अतिरिक्त सेना जवानों और 2000 बीएसएफ कर्मियों को भी तैनात किया गया था. सोर्स बताते हैं कि, लगभग 40-50 ट्रेंड पाकिस्तानी आतंकवादी डोडा, राजौरी, पुंछ, उधमपुर और अन्य स्थानों के ऊपरी इलाकों में छिपे हुए हैं. लिहाजा जम्मू क्षेत्र में प्रमुख आतंकवाद विरोधी अभियानों के हिस्से के रूप में अतिरिक्त सैनिक तैनात किए जा रहे हैं.
कौन ही दलजीत सिंह चौधरी, जिन्हें मिला BSF का अतिरिक्त प्रभार
दलजीत सिंह चौधरी 1990 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. उनका जन्म 25 नवम्बर 1965 में हुआ था. दिल्ली में जन्मे यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती है. उन्हें अब तक 3 बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है. आईपीएस दलजीत चौधरी की बहादुरी को देखते हुए उन्हें समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार में एडीजी एलओ यानी अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था बनाया गया था. आईपीएस दलजीत सिंह चौधरी यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद लंबे समय से केंद्र में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
दलजीत सिंह चौधरी यूपी कैडर के 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं. दलजीत चौधरी जन्म 25 नवम्बर 1965 को दिल्ली में हुआ था. यूपी कैडर के आईपीएस अफसर दलजीत सिंह चौधरी की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में की जाती है.
आईपीएस दलजीत सिंह चौधरी को अब तक तीन बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है. पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार में आईपीएस दलजीत चौधरी की बहादुरी को देखते हुए उन्हें अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद दलजीत सिंह चौधरी केंद्र में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। वह 30 नवंबर 2025 में सेवानिवृत्त होंगे.
जितेंद्र बहादुर सिंह