आज का दिनः नए चरण की ओर बढ़ रही है रूस-यूक्रेन की जंग?

रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. क्या ये युद्ध के नए चरण की शुरुआत है या इसकी कड़ी मात्र? चुनाव आयोग की ओर से उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे, दोनों गुट को नया नाम, नया निशान दिए जाने के फैसले का फायदा किसे होगा? यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव को कैसे याद किया जाएगा?

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रूस ने यूक्रेन में तेज किए हमले (फाइल फोटो) रूस ने यूक्रेन में तेज किए हमले (फाइल फोटो)

अमन गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST

यूक्रेन में नए रूसी हमलों की शुरूआत हो गई है. क्रीमिया के एक पुल पर हुए धमाके के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कल कहा कि सोमवार को रूस की ओर से जो भी स्ट्राइक हुई, ये क्रीमिया के पुल पर हुए हमले का बदला था और आगे ऐसी हिमाकत हुई तो इससे भी बड़े हमले किए जाएंगे. उधर यूक्रेन का कहना है कि रूसी हमले में अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हैं.

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भारत ने यूक्रेन में हुए हालिया हमलों पर चिंता जताई है तो चीन ने एक उम्मीद कि हिंसा जल्द खत्म होगी. लेकिन दोनों मेन स्टेकहोल्डर्स का जो रुख है, इनको सामने या परदे के पीछे से हथियार रिसोर्स देने वालों का, वो फिलहाल कम से कम ऐसी कोई उम्मीद नहीं जगा रहा. जर्मनी, यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम भेजने को तैयार हुआ है तो अमेरिका, फ्रांस, यूरोपीय यूनियन ने मदद की बात दोहराई है. उधर बेलारूस ने भी रूस के साथ कदमताल करने की बात कही है. G-7 की एक आपातकालीन बैठक में जेलेंस्की मौजूद रहने वाले हैं. क्या ये चीजें इस को युद्ध एक नए चरण की ओर धकेल रही है या ये पहले ही से चल रही घटनाक्रम की एक और कड़ी भर है?

उद्धव-शिंदे में से किसे होगा चुनाव आयोग के फैसले का फायदा?

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कभी एक दूसरे के बगलगीर रहे एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की अपनी-अपनी शिव सेना है या यूं कहें कि शिवसैनिकों का गुट है. चूंकि दावा दो है और सिंबल एक, पार्टी का नाम एक तो केस चुनाव आयोग के सामने पहुंचा हुआ था. कल इसमें एक अहम फैसला हुआ. कमीशन ने उद्धव ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के तौर पर रिकग्नाईज किया है और सिम्बल अलॉट किया है मशाल.

इसका इस्तेमाल नजदीकी उपचुनाव में किया जा सकेगा. वहीं, एकनाथ शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने 'बालासाहेबांचीशिवसेना' के तौर पर मान्यता दी है. उनका सिंबल क्या होगा, इस पर अभी फैसला होना है. शिंदे गुट ने जो त्रिशूल, उगता सूरज और गदा का प्रस्ताव दिया था, वो खारिज कर दिया गया है. इलेक्शन कमीशन के इस फैसले से सियासी और चुनावी तौर पर किसको एक पुश मिला है और किस के लिए ये ऑर्डर मायूस करने वाला है?

कैसे याद किए जाएंगे मुलायम सिंह यादव?

सैफई, उत्तर प्रदेश के इटावा जिले का एक छोटा सा गांव. सपा की सरकार में लोग इलाहाबाद, लखनऊ की ओर देखने से अधिक सैफई देखा करते थे. ये समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का गांव है. यहीं आज शाम तीन बजे उनका अंतिम संस्कार होना है. सोमवार की शाम उनका पार्थिव शरीर जब यहां पहुंचा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. आज भी राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र से एनसीपी के मुखिया शरद पवार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई और दिग्गज नेताओं के अंतिम संस्कार में शामिल होने की ख़बर है. मुलायम सिंह अपने पीछे क्या छोड़कर जा रहे हैं, किस तरह वे याद किए जाएंगे?

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