देश के कई राज्यों में मॉनसून की बारिश आफत बनी है. आपदा से सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश प्रभावित है. जून से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश में 91 फ्लैश फ्लड आए, 45 बादल फटने की घटनाएं हुईं और 95 बड़े लैंडस्लाइड भी हुए. वहीं, 4 हजार से ज्यादा घर पूरी तरह से टूट गए हैं. हिमाचल प्रदेश की 666 सड़कें बंद हैं. 985 बिजली के ट्रांसफार्मर और 495 वॉटर सप्लाई स्कीम्स प्रभावित हुई हैं. कहा जा सकता है कि हिमाचल में बाढ़-बारिश ने भारी तबाही मचाई है.
हिमाचल प्रदेश में जून-जुलाई से शुरू हुई तबाही सितंबर में भी रुकने का नाम नहीं ले रही है.जिसकी वजह से हिमाचल प्रदेश के पहाड़ लगातार दरक रहे हैं.चंबा में मणिमहेश के रास्ते में नाला पूरे उफान पर है. समुद्र तल से साढ़े चौदह हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद मणिमहेश झील के उफान ने निचले इलाकों में ऐसी तबाही मचाई कि गौरीकुंड से लेकर हडसर तक कई पुल और पगडंडियों का नामोनिशान मिट गया है.
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मनाली जिले में मचाई है. बारिश की वजह से जगह-जगह लैंडस्लाइड हुआ और चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बंद है. हिमाचल प्रदेश में इस साल बारिश ने पिछले 76 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है.अगस्त माह में 1948 के बाद 2025 में सबसे ज्यादा बारिश हुई है.
हिमाचल प्रदेश को बारिश से अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. मौसम विभाग (IMD) ने कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग मान रहा है कि 3 सितंबर को बारिश में कमी आएगी लेकिन 4 सितंबर को फिर से भारी बारिश का अलर्ट है.
उत्तराखंड में भी भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी है. लगातार बारिश से गढ़वाल मंडल के कई जिलों में जनजीवन प्रभावित है. उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डबरानी के पास मलबा आने से मार्ग बाधित है, जबकि यमुनोत्री हाईवे पर झर्जर गाड़, जंगलचट्टी, बनास, नारदचट्टी, कल्याणी, हरेती और फेड़ी के पास आवाजाही रुकी हुई है.
इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार क्षेत्र में लगातार चार दिन से कनेक्टिविटी ठप है, जिससे यात्रियों को जगह-जगह रोका जा रहा है. वहीं, चमोली जिले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कंचनगंगा, भनेरपानी, नंदप्रयाग, चटवापीपल और कामेडा के पास मलबा आने से बाधित है.
उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने उत्तरकाशी,देहरादून,बागेश्वर,नैनीताल,टिहरी,चंपावत,हरिद्वार में 24 घंटे का रेड अलर्ट जारी किया है.चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा 5 सितंबर तक स्थगित कर दी गई है.
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों में बारिश हो रही है. मौसम विभाग (IMD) ने बादल फटने की भी संभावना जताई है. जम्मू-कश्मीर में अगस्त में 73% अधिक बारिश, लद्दाख में 930% सामान्य से ऊपर बारिश दर्ज की गई है.
पंजाब में बाढ़ और बारिश के कारण भारी तबाही हुई है. राज्य के 1300 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं. सतलुज और रावी नदियों में आई बाढ़ की वजह से 9 जिले प्रभावित हैं.
बाढ़ के कारण पंजाब में करीब एक लाख हेक्टेयर खेती की ज़मीन पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, फिरोज़पुर, गुरदासपुर और कपूरथला में सबसे ज्यादा तबाही हुई है.
पंजाब के गुरदासपुर में एनडीआरएफ ने बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत अभियान चलाया है. लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है. 22 दिनों के बाद भी बारिश का पानी भरा हुआ है. कई गांवों के लोग पानी के बीच रहने को मजबूर हैं. जालंधर एवं पंजाब के अजनाला में गांव में बाढ़ से हाहाकार मचा है.चंडीगढ़ में खराब मौसम को देखते हुए आज स्कूल बंद हैं.
दिल्ली-NCR में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. यमुना नदी का जलस्तर आज शाम तक 206 मीटर के निकासी स्तर को छूने का अनुमान है. मौसम विभाग (IMD) ने आज भी बारिश की चेतावनी दी है. यमुना नदी के किनारे बसा यमुना बाजार इलाका बाढ़ के हालात से जूझ रहा है. यमुना बाजार कॉलोनी के घरों में पानी भर गया है.
बाढ़ के हालत के बीच कुछ लोग अपने घर का सामान छत पर चढ़ा रहे हैं तो कुछ लोग कैंप में अपना सामान लेकर जा रहे हैं. बता दें कि हाल ही में मॉनसून भारी बारिश के दौरान यमुना बाजार इलाके में बाढ़ जैसे हालात बने थे तो दिल्ली सरकार की ओर से मुख्य सड़क के किनारे टेंट लगाए गए थे.