महाराष्ट्र सरकार ने भारतीय संस्कृति, कृषि और स्वास्थ्य देखभाल में स्वदेशी गाय के महत्व को देखते हुए इसे औपचारिक रूप से 'राजमाता-गौमाता' का दर्जा दिया है. सरकार का कहना है कि वैदिक काल से स्वदेशी गाय का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. इसका महत्व धार्मिक के साथ-साथ चिकित्सा और कृषि में भी है.