आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में देवभक्ति और देशभक्ति की अवधारणाएं अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. भागवत ने कहा कि हमें आत्म-मुक्ति और विश्व कल्याण के सिद्धांत पर चलना चाहिए.