मुलाकात के लिए शरद पवार के घर पहुंचे उद्धव, शिंदे गुट बोला- आज असली शिवसैनिक हुए हैं आहत

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उनके आवास सिल्वर ओक में जाकर मुलाकात की. इस दौरान संजय राउत और सुप्रिया राउत भी मौजूद रहे. मुलाकात पर एकनाथ गुट वाली शिवसेना ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

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उद्धव ठाकरे ने शरद पवार के घर जाकर की उनसे मुलाकात उद्धव ठाकरे ने शरद पवार के घर जाकर की उनसे मुलाकात

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 12 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 6:41 AM IST

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की. यह मुलाकात पवार के आवास सिल्वर ओक पर हुई जहां सांसद संजय राउत के अलावा शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी मौजूद रहीं. पवार, उद्धव और संजय राउत के बीच मुलाकात एक घंटे से ज्यादा चली. हालांकि यह पता नहीं चल सका कि मुलाकात में किन विषयों पर बात हुई, लेकिन इसके सियासी मायने जरूर निकाले जा रहे हैं.

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मुलाकात के मायने
इस मुलाकात से पहले शरद पवार ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल किसी दल से सलाह नहीं ली थी. कहा जा रहा है कि पवार के इसी बयान के बाद उद्धव ने उनसे जाकर मुलाकात की. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब उद्धव गुट वाले शिवसेना पीएम मोदी की डिग्री के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रही है. वहीं शरद पवार दो टूक कह चुके हैं कि पीएम की डिग्री कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि बेरोजगारी और महंगाई मुख्य मुद्दा है. ऐसे में इस मुलाकात के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं.

शिंदे गुट का निशाना

वहीं शिंदे गुट वाली शिवसेना ने पवार और उद्धव की मुलाकात पर बयान दिया है. शिंदे गुट के नेता शंभुराज देसाई ने पुणे में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, 'उद्धव ठाकरे के सिल्वर ओक में जाकर शरद पवार से मुलाकात करने पर सभी असली शिवसैनिक आहत हुए हैं. बालासाहेब ठाकरे ने इतना सम्मान कमाया था कि उन्हें एक बार भी समझौता करके कभी किसी नेता के यहां नहीं जाना पड़ा. क्या वजह थी कि उद्धव ठाकरे शरद पवार के पास गए?  क्या इसलिए कि उद्धव शरद पवार के सामने  भीख मांग रहे हैं और उन्हें मौजूदा बिजली संकट से बचाने के लिए कह रहे हैं.'

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शंभुराज ने कहा, 'भाजपा और शिवसेना पिछले 25 वर्षों से गठबंधन में थे. ढाई साल इसलिए दूर हुए क्योंकि उद्धव ठाकरे ने गठबंधन को छोड़कर एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाया था. अब एक बार फिर असली शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन में है.'

विपक्षी के विपरीत पवार का स्टैंड

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पिछले कुछ दिनों में विपक्ष के मुद्दों पर ही विपरीत रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने 8 दिन में सावरकर, अडानी, पीएम की फर्जी डिग्री मामले पर अपनी राय रखी. ये वही मुद्दे हैं, जिन पर विपक्ष लगातार केंद्र पर निशाना साध रहा था. शरद पवार के ये बयान जहां बीजेपी के लिए बड़ी राहत हैं, तो वहीं विपक्ष के कड़े तेवरों की हवा निकालने वाले हैं.

अडानी मुद्दे पर पवार ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ''इस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था. लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है. वैसे भी जो रिपोर्ट आई, उसमें दिए बयान किसने दिए, उसका क्या बैकग्राउंड है. जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था.'

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(इनपुट्स- पंकज खारकर और रित्विक)

 

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