नागपुर: डार्क वेब पर एक्टिव था गिरफ्तार पत्रकार, एटीएस ने बरामद किए आपत्तिजनक दस्तावेज

नागपुर एटीएस ने छात्र पत्रकार रेजाज सिदीक को डार्क वेब पर सक्रिय पाते हुए देशविरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया है. उस पर भड़काऊ पोस्ट, हथियार के साथ तस्वीर साझा करने और आतंकियों को समर्थन देने के आरोप हैं. UAPA और भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसकी जांच एटीएस को सौंपी गई है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • नागपुर,
  • 19 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:38 PM IST

महाराष्ट्र एटीएस की नागपुर इकाई के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और आतंकी संगठनों का समर्थन करने के आरोप में यूएपीए और भारतीय न्याय संहिता के कड़े प्रावधानों के तहत इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किए गए छात्र कार्यकर्ता-सह-पत्रकार डार्क वेब पर एक्टिव थे.

अधिकारी ने बताया कि आरोपी की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. बाद में 11 मई को उसके केरल स्थित घर पर छापा मारा गया, जहां से कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए.

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भड़काऊ कमेंट शेयर करता था
अधिकारी के अनुसार, 'प्रारंभिक जांच में उसके डिजिटल उपकरणों से यह जानकारी मिली है कि वह डार्क वेब पर सक्रिय था और वहां भड़काऊ टिप्पणियां और विचार साझा करता था. अब ये उपकरण साइबर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे जाएंगे.'

कैसे करते हैं इस्तेमाल
डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा होता है जो सामान्य सर्च इंजन से नहीं मिलता और विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए ही एक्सेस किया जा सकता है. यह आमतौर पर गुमनामी और गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जाना जाता है. अधिकारी ने यह भी बताया कि आरोपी की पुलिस हिरासत रविवार को दो दिन के लिए बढ़ा दी गई है.

रेजाज की ऑनलाइन गतिविधियों में उकसाने वाले पोस्ट शामिल थे, जिनमें से एक में वह हथियार लेकर नजर आ रहा था. यह तस्वीर नागपुर में एक राइफल की दुकान पर जाने के बाद ली गई थी. इस आधार पर उस पर भारतीय न्याय संहिता की कई धाराएं लगाई गईं, जिनमें धारा 149 (सरकार के खिलाफ युद्ध की तैयारी), 192 (दंगा भड़काने की मंशा), 351 (आपराधिक धमकी) और 353 (अशांति फैलाने वाले बयान) शामिल हैं.

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जांच के बाद उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 38 और 39 भी जोड़ी गई हैं, जो किसी आतंकी संगठन की सदस्यता और उन्हें समर्थन देने से संबंधित हैं. इसके बाद केस की जांच लोकल पुलिस से हटाकर एटीएस को सौंप दी गई.

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