महाराष्ट्र के पालघर में तीन दिनों पहले हुई मां-बेटी की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. एक अधिकारी ने कहा कि पालघर में महिला और उसकी ढाई साल की बेटी का शव मिलने के बाद पुलिस ने हत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक 2 सितंबर को महिला सुष्मिता प्रवीण डावरे (22) और उसकी बेटी के शव गांव में एक नाले में पाए गए थे. पालघर जिले के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने बताया कि महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी और उसके शव को पत्थर से भरी दो प्लास्टिक की बोरियों में बांधकर नदी में फेंक दिया गया था. उन्होंने बताया कि उनकी छोटी बेटी भी पास में ही मृत पाई गई थी.
पुलिस ने हत्या के आरोप में संदीप रामजी डावरे (35), सुमन उर्फ साकू साधु करबट (48) और हरि राम गोवारी (32) को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा, उन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (1) (हत्या) और धारा 238 (सबूत नष्ट करना) के तहत केस दर्ज किया गया है.
संपत्ति विवाद में जेठ ने की हत्या
बता दें कि पीड़ितों के शव बरामद होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी. खुफिया जानकारी के आधार पर, जांचकर्ताओं ने पाया कि पीड़िता डावरे के भाई की पांचवीं पत्नी थी. हाल ही में पीड़िता और उसके परिवार के अन्य सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर मतभेद पैदा हो गए थे. उन्होंने कहा, अन्य लोग उसे घर छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे थे.
जब वो नहीं मानी तो सुष्मिता को खत्म करने के लिए डावरे और करबाट ने एक योजना बनाई. उन्होंने उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी और गोवारी की मदद से उसके शव को पत्थर से भरी बोरियों से बांधकर नदी में फेंक दिया. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने उसकी ढाई साल की बेटी की भी उसी तरह से हत्या कर दी गई थी.
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