...ताकि रिपीट न हो श्रद्धा वॉल्कर जैसी घटनाएं, महाराष्ट्र सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

महाराष्ट्र के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है कि "इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)" की अध्यक्षता लोढ़ा करेंगे. समिति ऐसे विवाहों में शामिल महिलाओं के लिए जिला स्तर पर निगरानी करेगी जो अपने परिवारों से अलग हो सकती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी मदद की जा सके.

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एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस (File Photo) एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस (File Photo)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 14 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

महाराष्ट्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है. जो दूसरे धर्म और दूसरी जाति में शादी करने वाले जोड़ों की निगरानी करेगी. साथ ही ऐसी महिलाओं की जानकारी जुटाएगी जो शादी करने के लिए अपने परिवारों से अलग हो गई हैं. समिति के प्रमुख और राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि इसका मकसद श्रद्धा वॉल्कर जैसे मामलों को रोकना है. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार को लोगों के निजी जीवन की जासूसी करने का कोई अधिकार नहीं है.

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दरअसल, राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है कि "इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)" की अध्यक्षता लोढ़ा करेंगे. समिति ऐसे विवाहों में शामिल महिलाओं के लिए जिला स्तर पर निगरानी करेगी जो अपने परिवारों से अलग हो सकती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी मदद की जा सके. 

बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए लोढ़ा ने कहा कि समिति का गठन इसलिए किया जा रहा है ताकि श्रद्धा वॉल्कर जैसा मामला फिर से न हो. उन्होंने कहा, "सच्चाई यह है कि वॉल्कर के परिवार को पता नहीं था कि वह छह महीने पहले मर गई थी. हम एक और श्रद्धा नहीं चाहते हैं और यही कारण है कि समिति का गठन कर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी शादियों में महिलाओं अपने परिवारों से दूर तो नहीं हैं.''

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समिति में 13 सदस्य होंगे 

सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि समिति महिलाओं और उनके परिवारों की काउंसलिंग करने और उनके बीच समस्याओं को हल करने के लिए एक मंच होगी. कल्याणकारी योजनाओं और मामले से संबंधित कानूनों के बारे में राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों का अध्ययन करने के लिए पैनल में सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों के 13 सदस्य होंगे. समिति जिला अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठकें करेगी और रजिस्टर्ड और गैर-रजिस्टर्ड अंतर्धार्मिक और अंतर्जातीय शादियों की जानकारी एकत्र करेगी. इनमें ऐसी शादी शामिल होंगी, जो पूजा स्थलों में हुई हैं और जो भागकर की गई है. 

एनसीपी ने किया विरोध

एनसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने एक ट्वीट में कहा, "अंतर-जातीय/धार्मिक विवाहों की जांच करने वाली समिति क्या बकवास है? कौन किससे शादी करता है, इसकी जासूसी करने वाली सरकार कौन है? प्रगतिशील महाराष्ट्र किस ओर बढ़ रहा है. लोगों की निजी जिंदगी से दूर रहें."

शिंदे सरकार ने बताया सक्रिय कदम

हालांकि, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली 'बालासाहेबंची शिवसेना' के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट किया, "अंतर-धर्म और अंतर-जातीय विवाहों के आंकड़ों का अध्ययन करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तरीय समिति गठित करने के कदम का स्वागत है. सरकार द्वारा सही दिशा में उठाया गया सक्रिय कदम."

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