पुणे के ससून अस्पताल से 2 साल के मासूम बच्चे का मूत्रपिंड गायब होने की घटना सामने आई है. जन्म से बच्चे की दो किडनियां थीं. बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि 2 साल में बच्चे की 4 सर्जरी हुईं जिसके बाद अचानक उसकी एक किडनी गायब हो गई.
आजतक से बातचीत में इस परिवार ने बताया कि उन्होने इस संदर्भ में भारतीय मानवाधिकार परिषद को मामले के बारे में जानकारी दी. इस मामले की जांच के लिए बाहर के निजी डॉक्टरों से भी बच्चे की सोनोग्राफी की और उसमें भी बच्चे की एक किडनी नहीं दिखाई दी.
पुणे में रहने वाले मजदूर यूनुस तंबोली के बेटे का जन्म 2 साल पहले हुआ था जिसका जन्म से गुदाद्वार नहीं होने के कारण उसे इलाज के लिए पहले पिंपरी चिंचवड के ycm अस्पताल और बाद में पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया. दिसंबर 2015 में की गई सोनोग्राफी में बच्चे की दोनों किडनियां दिखाई दे रही हैं, लेकिन अब बच्चे की केवल एक किडनी ही नजर आ रही है.
यह बात भी सामने आई है कि 2 साल में इस मासूम बच्चे के 4 आपरेशन किए गए. बच्चे के माता-पिता को शक है कि कहीं गलत ऑपरेशन के चलते तो उनके बच्चे की किडनी नहीं निकाल ली गई.
साल 2017 के दिसंबर महीने में डॉक्टर ने यूनुस को इस बात की जानकारी दी कि साल 2015 में हुई सोनोग्राफी में दिखाई दे रही किडनियों में से एक किडनी अब नहीं दिखाई दे रही. अपने बच्चे की किडनी ना होने की बात जानकर बच्चे के माता- पिता काफी परेशान हैं. उन्होंने डॉक्टरों से पूछा कि उन्होंने पिछले 2 सालों में इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी? इस पर डॉक्टरों ने जो जवाब दिया वो हज़म करने वाले नहीं हैं.
आजतक ने जब ससून अस्पताल के डीन चन्दनवाले से पूछताछ की तब जवाब मिला कि जिस महिला डॉक्टर की निगरानी में इस बच्चे का इलाज चल रहा है उस पर कार्रवाई हुई है और उस डॉक्टर को अब से कोई भी ऑपरेशन करने की इजाजत नहीं है. ससून अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि एक किडनी 2015 के बाद से सिकुड़ जाना शुरू हो गई थी और इसी वजह से अब नहीं दिखाई दे रही है.
भारतीय मानवधिकार की राज्य अध्यक्ष सुनीता उघड़े ने आजतक से कहा कि वो इस बातचीत की तह तक जाकर रहेंगे, लेकिन सुनीता उघड़े को भी डॉक्टरों ने गोल मटोल जवाब दिए. ससून अस्पताल के डॉक्टर ने अब MRI scan से पता लगाया है कि गायाब हुई किडनी अभी भी बच्चे के पेट में ही है.
पंकज खेळकर