'डिलीवरी एजेंट' पर लगाया था रेप का झूठा आरोप, अब उल्टे केस में फंसी आईटी इंजीनियर

पुणे में एक 22 साल की आईटी प्रोफेशनल महिला द्वारा डिलीवरी एजेंट पर झूठा रेप का आरोप लगाने का मामला सामने आया है. जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी उसका मित्र था और सहमति से फ्लैट में आया था. पुलिस ने महिला के खिलाफ भ्रामक जानकारी और झूठे सबूत देने पर गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया है.

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महिला के खिलाफ असंज्ञेय मामला दर्ज (Photo: Representational) महिला के खिलाफ असंज्ञेय मामला दर्ज (Photo: Representational)

aajtak.in

  • पुणे,
  • 22 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 10:22 AM IST

महाराष्ट्र के पुणे में हाल ही में घर आए डिलीवरी एजेंट पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ गैर-संज्ञेय मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने एक 22 साल की आईटी प्रोफेश्नल के खिलाफ गैर-संज्ञेय मामला दर्ज किया है. आरोप है कि उसने झूठा दावा किया था कि पुणे स्थित उसके अपार्टमेंट में 'डिलीवरी एजेंट' बनकर आए एक व्यक्ति ने उसके साथ बलात्कार किया. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. महिला ने 3 जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि एक 'डिलीवरी एजेंट' पिछली शाम उसके फ्लैट में घुसा और बलात्कार करने से पहले उस पर कोई रसायन छिड़ककर उसे बेहोश कर दिया.

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उसने यह भी दावा किया था कि उस व्यक्ति ने उसके फोन से एक सेल्फी ली और एक मैसेज लिखकर धमकी दी कि अगर उसने घटना का खुलासा किया तो वह उसकी तस्वीरें वायरल कर देगा. मामले ने तब नाटकीय मोड़ ले लिया जब जांच में पता चला कि 'डिलीवरी एजेंट' उस महिला का दोस्त था जो उसकी सहमति से फ्लैट में आया था.

पुलिस ने जबरन प्रवेश और स्प्रे के इस्तेमाल की बात को खारिज कर दिया था और कहा था कि उसकी बलात्कार की शिकायत झूठी और भ्रामक है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार को महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 212, 217 (लोक सेवक को गलत जानकारी देना) और 228 (झूठे सबूत गढ़ना) के तहत एक असंज्ञेय मामला दर्ज किया गया.

अधिकारी ने कहा, 'हमने जांच के दौरान गलत जानकारी और सबूत देने और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करने के आरोप में महिला के खिलाफ असंज्ञेय अपराध दर्ज किया है.' पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने पहले कहा था कि फोन चैट, घटनाओं का क्रम, मोबाइल संचार और महिला के आचरण सहित विभिन्न सबूतों के आधार पर, यह स्पष्ट है कि यह बलात्कार का मामला नहीं था और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई थी.

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