महाराष्ट्र सरकार ने बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेश में सख्ती का ऐलान कर दिया है. आज यानी 14 अप्रैल की रात 8 बजे से प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लागू होना है. कोरोना कर्फ्यू के दौरान पाबंदियों के ऐलान के बाद महाराष्ट्र में मुंबई के बाद दूसरे सबसे बड़े व्यावसायिक हब पुणे के व्यापारियों ने इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पुणे के व्यापारियों ने 14 अप्रैल से 1 मई तक लॉकडाउन को लेकर सुझाव भी दिए, अपने विचार भी रखे.
पुणे के व्यावसायी प्रकाश बंख ने महाराष्ट्र में भी इंग्लैंड की तर्ज पर फुल लॉकडाउन लागू करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि फुल लॉकडाउन से कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी. प्रकाश बंख पुणे के कोई अकेले व्यावसायी नहीं हैं जिसने फुल लॉकडाउन का सुझाव दिया हो. कई अन्य व्यावसायियों के भी ऐसे ही विचार हैं.
एक प्रतिष्ठित बिल्डर की पत्नी सुषमा लुंकड़ ने कहा कि सख्ती से लॉकडाउन ही कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने का एकमात्र उपाय है. बिल्डर और प्रोमोटर राजू शेवानी के कहा कि फुल लॉकडाउन के विपरीत परिणाम होने वाले हैं. उन्होंने कहा कि मानव जाति की भलाई के लिए यह नुकसान वहन करना होगा. यह लाखो लोगों का जीवन बचाने का एकमात्र तरीका है.
हाउस वाइफ प्रीति कहती हैं कि भारत के लिए पार्शियल लॉकडाउन बेहतर विकल्प है. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन करते हुए लोगों को रोजी-रोटी कमाने की अनुमति दी जानी चाहिए. लॉजिस्टिक्स के व्यापार से जुड़े कैप्टन कातरे ने कहा कि निर्देश एक प्वाइंट में आने चाहिए जिससे नियमों को लेकर कोई कन्फ्यूजन ना रहे. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन होना चाहिए लेकिन इसके लिए दोनों तरफ से सहयोग की जरूरत है.
एसएमई इंडस्ट्री के सुरेंद्र घुवालेवाला ने कहा कि भारत सख्त लॉकडाउन एफॉर्ड नहीं कर सकता. पार्शियल लॉकडाउन ही विकल्प है. उन्होंने कहा कि तीन से चार महीने के लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत और खराब होगी. सख्ती के साथ आंशिक लॉकडाउन से लोगों को धीरे-धीरे इस खतरे के साथ जीने में मदद मिलेगी. मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री के पटनकर और उद्योगपति माधव किर्लोस्कर ने आंशिक लॉकडाउन को जरूरी बताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति न कर सभी दलों को साथ आना आना चाहिए. सभी राजनीतिक दलों को साथ आकर महाराष्ट्र की मदद करनी चाहिए.
मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री के उज्ज्वल माधव किर्लोस्कर ने कहा कि मजदूरों का अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूरत है जिससे प्रवासी मजदूर यहां सुरक्षित महसूस करें और अपने मूल स्थान पर लौटने की जल्दी में न रहें. सख्त नियम और आंशिक लॉकडाउन ही इस समस्या का समाधान हैं. वहीं, होटल और रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के शीतल आहूजा ने कहा कि नियम सभी के लिए समान होने चाहिए. पिछले दो हफ्ते से रेस्टोरेंट्स ज्यादातर आइसोलेटेड ही थे. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन सभी के लिए समान होना चाहिए. आहूजा ने यह भी कहा कि सख्त नियम इंडस्ट्री को बचा सकते हैं.
अधिकतर लोग आंशिक लॉकडाउन के पक्ष में नजर आए. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में हर रोज नया रिकॉर्ड बनाते कोरोना वायरस की रफ्तार देख प्रदेश सरकार ने सख्ती का ऐलान किया है. हालांकि, 14 अप्रैल से 1 मई तक लागू कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोकल सेवा जारी रहेगी. सरकार ने कंपनियों से अधिकाधिक कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था करने के लिए कहा है.
पंकज खेळकर